भारतीय नौसेना निर्भयतापूर्वक देश की रक्षा कर रही है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नवी दिल्ली/विशाखापट्टणम् – ‘भारतीय नौसेना निर्भयतापूर्वक देश के किनारी भागों की रक्षा कर रही है। उसी समय, जरूरत पड़ने पर मानवतावादी सहायता की आपूर्ति भी कर रही है’ इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिन की शुभकामनाएं दीं। वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने, नौसेना के शौर्य, धैर्य और व्यावसायिकता को मैं सलाम करता हूँ, ऐसा कहते हुए नौसेना की सराहना की। इसी बीच, हिंद महासागर क्षेत्र के खतरो में बढ़ोतरी हुई है, ऐसा कहते हुए ईस्टर्न नेव्हल कमांड के प्रमुख व्हाईस ऍडमिरल ए. के. जैन ने इसके विरोध में सावधानी बरतने के लिए जताया है।

निर्भयतापूर्वकसन १९७१ के युद्ध में, भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर भयंकर हमला किया था। इस हमले में पाकिस्तान के युद्धपोतों को जलसमाधि मिली थी। सन १९७१ के इस युद्ध में भारत को निर्णायक विजय प्राप्त हुई, उसके पीछे नौसेना ने पाकिस्तान को दिए इस झटके का बहुत बड़ा हाथ था। ४ दिसंबर की मध्यरात्रि को भारतीय नौसेना ने हमला करके प्राप्त की इस सफलता का, हर साल ‘नौसेना दिन’ मनाकर गर्व से स्मरण किया जाता है।

इस साल भी नौसेना दिन बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पिछले २ दिनों से नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी देश के सामने होने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए नौसेना सिद्ध होने का यकीन दिला रहे हैं। खासकर चीन द्वारा भारत को दी जा रही चुनौतियों का प्रत्युत्तर देने की कड़ी तैयारी नौसेना ने की होने की घोषणा नौसेना प्रमुख ऍडमिरल करमबिर सिंग ने एक ही दिन पहले की थी। इस पृष्ठभूमि पर, प्रधानमंत्री तथा रक्षा मंत्री ने नौसेना के लिए विशेष संदेश दिया है। भारतीय नौसेना की बराबरी का कोई नहीं है, यह कहकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना की खुले दिल से प्रशंसा की।

इसी बीच, ईस्टर्न नेवल कमांड के प्रमुख वाइस एडमिरल ए.के. जैन ने हिंद महासागर क्षेत्र के खतरों का जिक्र करके, इस मोरचे पर नौसेना चौकन्नी होने की बात कही है। हिंद महासागर क्षेत्र में खतरो का स्तर बढ़ गया है। इस कारण नौसेना ने अपना ध्यान इस क्षेत्र की ओर केंद्रित किया होकर, यहाँ अथक रूप में गश्त शुरू है। इसके लिए ‘पी-८आय’ गश्ती विमान, डॉर्नियर विमान तथा नौसेना के हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। आनेवाले समय में और चार ‘पी-८आय’ गश्ती विमान भारतीय नौसेना के बेड़े में दाखिल होंगे, ऐसी जानकारी भी वाइस एडमिरल ए.के. जैन ने दी।

हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी नौसेना के युद्धपोत तथा पनडुब्बियों की आवाजाही बढ़ाकर चीन, भारत के यहाँ के नैसर्गिक प्रभाव को चुनौती देने की कोशिश में है। लेकिन भारतीय नौसेना का सामर्थ्य तथा सजगता इनके कारण चीन अब तक यहाँ पर कोई भी हरकत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है, ऐसा व्हाईस ऍडमिरल ए. के. चावला ने कुछ दिन पहले ही कहा था। वहीं, नौदलप्रमुख ऍडमिरल करमबिर सिंग ने, चीन की नौसेना ने यदि भारत के ख़िलाफ़ कुछ हरकत की, तो उसका जवाब देने की पूरी तैयारी नौसेना ने की है, ऐसा जताया है।

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