प्रधानमंत्री का जैसलमेर दौरा शत्रु को संदेश देनेवाला साबित हुआ – लष्करी विश्‍लेषक एवं पूर्व लष्करी अफसरों का बयान

गुरूग्राम – वर्ष १९७१ में हुए युद्ध में पाकिस्तानी सेना की हुई बड़ी हार के स्मारक ‘लोंगेवाला पोस्ट’ पर प्रधानमंत्री मोदी के जाने की बड़ी गूँज उठने लगी है। भारत के प्रधानमंत्री ने सेना की वर्दी में और टैंक पर चढ़कर निगरानी करना यानी भारत बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में होने की चिंता पाकिस्तान के पूर्व सेना अधिकारी जताने लगे हैं। तभी, भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे से शत्रु को उचित संदेश पहुँचा है, ऐसा पूर्व भारतीय सेना अधिकारी ड़टकर कह रहे हैं।

india-modi-jaisalmerलगातार छठे वर्ष दिवाली के अवसर पर सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों से जा मिलने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति का लष्करी विश्‍लेषक और पूर्व सेना अधिकारियों ने स्वागत किया है। उनके इन दौरों से भारतीय सैनिकों का मनोबल बढाने में सहायता हो रही है, ऐसा बयान लष्करी विश्‍लेषक सतीश दुआ ने किया है। साथ ही उनके इस दौरे से देश के शत्रु को उचित संदेश मिल हो रहा है, यह दावा एस.पी.सिन्हा नामक लष्करी विश्‍लेषक ने किया है। तभी, त्यौहार के दिनों में घर से दूर सीमा पर तैनात सैनिक अकेले नहीं हैं, बल्कि पूरा देश उनके साथ होने का संदेश प्रधानमंत्री मोदी ने जैसलमेर के दौरे से दिया है, ऐसा पूर्व सेना अधिकारी मेजर जनरल जी.डी.बक्शी ने कहा है।

india-modi-jaisalmerतभी, प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिवाली में सैनिकों से मिलने के लिए ‘लोंगेवाला पोस्ट’ का किया हुआ चयन पाकिस्तान के लिए इशारा होने की चिंता पाकिस्तानी माध्यम व्यक्त कर रहे हैं। वर्ष १९७१ में ‘लोंगेवाला’ में ही भारत-पाकिस्तान का घनघोर युद्ध हुआ था। भारत के १२० सैनिकों के दल ने पाकिस्तान की टैंक रेजिमेंट को भगाकर खदेड़ दिया था। ऐसे इस ऐतिहासिक लष्करी पोस्ट पर पहुँचकर प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है, ऐसा इस देश के माध्यमों का कहना है। आनेवाले दिनों में भारतीय सेना कुछ बड़ा करने की तैयारी में होने के संकेत भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे से प्राप्त हो रहे हैं, ऐसा पाकिस्तानी माध्यमों ने कहा है। इसके लिए नियंत्रण रेखा पर जारी संघर्ष की ओर पाकिस्तानी पत्रकार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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