भारतीय सेना सर्दियों में भी पूर्वीय लद्दाख में अपनी तैनाती बनाए रखेगी

नई दिल्ली – भारत और चीन बीच तनाव ज़ल्द कम होने के आसार कम ही हैं। गलवान में हुए संघर्ष के बाद भारत ने पूर्वी लद्दाख में बड़ी संख्या में सैनिक, टैंक और अन्य हथियार तैनात किए हैं। चीन ने अक्साई चीन में की हुई तैनाती और सरहद के करीब बढ़ाई गतिविधियां देखकर भारत ने भी लंबे समय के लिए तैनाती करने की तैयारी करने का समाचार है। पूर्वी लद्दाख में सर्दियों के दिनों में होनेवाली कठिन स्थिति में भी यह तैनाती भारतीय सेना बरकरार रखेगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

भारतीय सेना

लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों की अगले चरण की चर्चा ज़ल्द ही होगी। लेकिन, चीन की सीमा पर जारी गतिविधियां देखककर वहां का तनाव इतने में कम होने की संभावना काफ़ी कम होने का बयान सेना के अधिकारी कर रहे है। भारत ने पॅन्गोन्ग त्सो के फिंगर 4 और फिंगर 8 के इलाके से चीन को अपने सैनिक पीछे हटाने की चेतावनी स्पष्ट शब्दों में दी है। इसके लिए चीन को दो सप्ताह का अवसर भी दिया गया।

लेकिन, चीन ने वहां से अपने सैनिक हटाने के लिए कोई भी गतिविधि अभी शुरू नहीं की है बल्कि सरहदी क्षेत्र में तैनाती में बढ़ोतरी करने की बात दिखाई दे रही है। साथ ही पैन्गॉन्ग त्सो और डेप्सांग में भी चीन ने अपने तैनात सैनिकों की संख्या बढ़ाई है और पैन्गॉन्ग त्सो में नए स्पीड़ बोट भी तैनात करने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने भी वहां पर तैनाती बढ़ाई है।

पूर्वी लद्दाख में भारत ने पहले ही बड़ी संख्या में सैनिक, टैंक, तोप और अन्य हथियार तैनात किए हैं और यह तैनाती चीन का खतरा पहचान कर सर्दियों में भी कायम रखी जाएगी, यह समाचार अधिकारी से दाखिले से दिया गया है। सर्दियों में इस क्षेत्र का तापमान माइनस 20 डिग्री से भी नीचे गिरता है। लेकिन, वर्तमान में सीमा पर बनी स्थिति देखकर सर्दियों की कठिन स्थिति में भी चीन की किसी भी हरकत का मुकाबला करने के लिए यहां पर आवश्‍यक तैयारी रखने की योजना होने की जानकारी इस अधिकारी ने प्रदान की। इसके लिए विश्‍व की सबसे ऊंचाई वाली युद्धभूमि कही जा रही सियाचीन में तैनात सैनिकों की तरह ही लद्दाख में भी तैनात सैनिकों को आवश्‍यक सामान की आपुर्ति की जाएगी, यह जानकारी इस अधिकारी ने साझा की।

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