जम्मू-कश्‍मीर में नए कानून के तहत चार लाख लोगों को प्राप्त हुआ ‘डोमिसाइल’

श्रीनगर – नए ‘डोमिसाइल’ नियमों के अनुसार बीते महीने से जम्मू-कश्‍मीर में करीबन चार लाख लोगों को ‘डोमिसाइल’ प्रमाणपत्र देने को मंजूरी प्राप्त हुई है। पिछले सप्ताह में 20 हज़ार से अधिक पाकिस्तानी शरणार्थियों ने ‘डोमिसाइल’ प्राप्त किया था। बीते कई वर्षों से जम्मू-कश्‍मीर में रहने के बावजूद इन लोगों को जम्मू-कश्‍मीर के अधिवास नागरीक समझा नहीं जा रहा था। इस वजह से इन नागरिकों को वहां पर मतदान करने का हक भी नहीं था, नौकरी के अवसर नहीं थे एवं सालों साल रहने के बावजूद वहां पर ज़मीन या संपत्ति की खरीद करना भी संभव नहीं हो रहा था।

‘डोमिसाइल’

पिछले वर्ष जम्मू-कश्‍मीर से धारा-370 को हटाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने वहां के अधिवास से संबंधित नियमों में बदलाव करने का बड़ा निर्णय किया था। इससे यहां के अनगिनत लोगों को अब जम्मू-कश्‍मीर का ‘डोमिसाइल’ प्राप्त हो रहा हैं। नए नियमों के अनुसार सात से पंद्रह वर्षों से रहनेवालों को जम्मू-कश्‍मीर का अधिवासी प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। 27 जून के रोज़ इस की प्रक्रिया शुरू हुई। बीते महीने से लगभग चार लाख लोगों के डोमिसाइल प्रमाण पत्र को मंजूरी दी गई है। इनमें से 79,300 लोग कश्‍मीर से हैं और लगभग 78 प्रतिशत नागरीक जम्मू के निवासी हैं।

‘डोमिसाइल’

साथ ही यह प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है और इसे अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है। कुछ वर्ष पहले पाकिस्तान से भारत पहुँचे 20 हज़ार से भी अधिक शरणार्थियों को बीते सप्ताह में ‘डोमिसाइल’ दिया गया। बीते वर्ष हमें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही थी। लेकिन, अब डोमिसाइल प्राप्त होने से यह चिंता ख़त्म हुई है। इससे हमारे बच्चों को नौकरी प्राप्त होगी और साथ ही हम अपने नाम से ज़मीन की खरीद कर सकेंगे, यह कहकर पाकिस्तानी शरणार्थियों ने संतोष व्यक्त किया था।

हाल ही में दो हज़ार सफाई कर्मियों को डोमिसाइल प्रमाण पत्र दिया गया है। इससे पहले इन्हें वोट करने का अधिकार भी नहीं था। साथ ही भारतीय सेना से निवृत्त हुए 6 हज़ार से भी अधिक गोरखा सैनिक और इस समुदाय के नागरिकों को डोमिसाइल प्रमाण पत्र दिया गया था।

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