भारत-वियतनाम ने सहयोग बढ़ाने के लिए किए सात समझौते

नई दिल्ली/हनोई – लद्दाख में ‘एलएसी’ पर तनाव बढ़ रहा हैं तभी भारत ने चीन पर दबाव बढ़ाने के लिए आक्रामक गतिविधियां शुरू की हैं। इसी बीच सोमवार के दिन भारत ने चीन के पड़ोसी देश वियतनाम के साथ रक्षा क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की जारी हरकतों को रोकने के लिए भारत ने आग्नेय एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाना शुरू किया हैं और इसमें वियतनाम के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए किए यह समझौते अहम चरण साबित होता हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्री एन्गुयेन शुआन फुक के बीच सोमावर के दिन वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक के दौरान रक्षा, आर्थिक सहायता, परमाणु ऊर्जा, ईंधन, सौरऊर्जा, संयुक्त राष्ट्र में सहयोग एवं स्वास्थ क्षेत्र से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति का वियतनाम अहम स्तंभ होने की बात प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान स्पष्ट की। साथ ही भारत की ‘इंडो-पैसिफिक’ संबंधित नीति में वियतनाम को असाधारण स्थान होने का बयान भी प्रधानमंत्री मोदी ने किया। ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए भारत-वियतनाम सहयोग काफी बड़ी ज़िम्मेदारी निभा सकेगा, यह विश्‍वास भी प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

इस वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री एन्गुयेन शुआन फुक ने दोनों देशों के ‘व्हिजन डॉक्युमेंट’ और ‘प्लैन ऑफ ऐक्शन’ सादर किए। इसी बीच वियतनाम के साथ समुद्री विवाद निर्माण करके चीन ने इस देश पर अपने सामर्थ्य का दबाव बढ़ाने की कोशिश शुरू की हैं। ताकतवर चीन की नौसेना का मुकाबला करने के साथ ही वियतनाम अब अमरीका और भारत जैसें देशों से सहायता की उम्मीद कर रहा हैं। अमरीका ने पहले ही वियतनाम के साथ बिगड़े संबंध सुधार कर रणनीतिक स्तर पर सहयोग विकसित किया हैं। भारत भी अब वियतनाम की सुरक्षा के लिए बड़ा योगदान दे रहा हैं।

इसके अनुसार भारत ने वियतनाम को गश्‍त करने के लिए आवश्‍यक ‘हाय स्पीड़ बोटस्‌’ की आपूर्ति करने के लिए पहल की हैं। इसके लिए भारत दस करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता भी वियतनाम को प्रदान कर रहा हैं। भारत की ‘लार्सन ॲण्ड टुब्रो’ कंपनी अपने चेन्नई प्रकल्प में वियतनाम के लिए पांच ‘स्पीड़ बोटस्‌’ का निर्माण कर रही हैं। इस कंपनी के मार्गदर्शन से ही सात ‘स्पीड़ बोटस्‌’ का वियतनाम में निर्माण किया जाएगा।

भारत का वियतानाम के साथ जारी सहयोग हमारे खिलाफ होने के सोच में चीन हैं। इसी वजह से चीन ने दोनों देशों के ऐसें सहयोग को हमेशा से ही विरोध किया हैं। खास तौर पर ‘साउथ चायना सी’ में स्थित वियतनाम के क्षेत्र में भारत के ईंधन खनन करने पर चीन ने लगातार आपत्ति जताई थी। लेकिन, चीन के विरोध की परवाह किए बिना दोनों देशों ने यह सहयोग जारी रखा था।

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