भारत-अमरीका का सहयोग २१ वीं सदी को आकार देने वाला – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन

वॉशिंग्टन – कोरोना की महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में काफी बड़े बदलाव हो रहे हैं। ऐसे दौर में भारत और अमरीका के सहयोग की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ी हैं। वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए एवं विश्व का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए भारत-अमरीका की मित्रता बड़ी अहम है। दोनों देशों की जनता का एक-दूसरे से हो रहा संवाद ही दोनों देशों की असल शक्ति हैं, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैं। वहीं, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने भारत-अमरीका की भागीदारी २१ वीं दी को आकार देने वाली है, यह कहकर इसकी काफी प्रचंड़ अहमियत होने की बात स्पष्ट की। 

भारत-अमरीकाव्हाईट हाऊस में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करके उन्हें दावत देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने माध्यमों से बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यह कहा कि, पूरा विश्व भारत-अमरीका इन जनतांत्रिक देशों के सहयोग की ओर बड़ी उत्सुकता से देख रहा हैं। दोनों देशों को अपनी विधिता का अभिमान हैं और दोनों देशों के जनतंत्र का मुल सिद्धांत एक समान होने का दावा भी प्रधानमंत्री मोदी ने किया। साथ ही व्हाईट हाऊस में हमारा किया गया स्वागत और सम्मान भारत के १.४ अरब जनता का सम्मान हैं, ऐसा भावूक बयान प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान किया।

अमरीका में स्थित भारतीय समुदाय इतनी बड़ी तादात में पहली बार ही व्हाईट हाऊस पहुंचा है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। अमरीका में बसे भारतीय समुदाय की प्रतिभा और कार्यनिष्ठा अमरीका में भारत का सम्मान अधिक बढ़ा रहे हैं, ऐसा बयान प्रधानमंत्री ने उनके गौरव में किया। माध्यमों को संबोधित करने के बाद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से हुई द्विपक्षीय चर्चा के दौरान भी प्रधानमंत्री ने यह कहा कि, अमरीका स्थित भारतीय नागरिकों के कारण ही दोनों देश अधिक करीब हुए हैं। मौजूदा समय में भारत और अमरीका कंधे से कंधा मिलाकर समुद्र की गहराई से अंतरिक्ष तक के क्षेत्र में एक-दूसरे से सहयोग कर रहे हैं। यह सहयोग प्राचीनतम संस्कृति से आर्टिफिशल इंटेलिजन्स तक होने की बात प्रधानमंत्री ने कहा।

विश्व के हित के लिए भारत-अमरीका सहयोग अधिक से अधिक व्यापक और मज़बूत होना बड़ा ज़रूरी होने का अहसास प्रधानमंत्री ने इस दौरान दिलाया। इसी बीच प्रधानमंत्री के इस दौरे में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन भारत में शुरू मानव अधिकारों के कथित हनन का मुद्दा उठाएं, यह मांग कुछ भारत विरोधी नेताओं ने की थी। लेकिन, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष भारत को इस मुद्दे पर ‘लेक्चर’ नहीं देंगे, ऐसा अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है। साथ ही बायडेन भारत और रशिया के सहयग पर भी सख्त भूमिका अपनाए, ऐसी मांग कुछलोग कर रहे हैं। लेकिन, राष्ट्र्राध्यक्ष बायडेन अनदेखा करते दिख रहे हैं।

भारत से जारी सहयोग को अमरीका सबसे अधिक प्राथमिकता देने की कोशिश में होने की बात इससे स्पष्ट हुई है। बदलती वैश्विक स्थिति में विश्व के प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्था संसट में होने के दौरान भारत लगा रहे आर्थिक दौड़ के मद्देनज़र किसी भी देश को भारत की अहमियत नकारना मुमकीन नहीं होगा। महाशक्ति बनी अमरीका भी इसका अपवाद नहीं हो सकती, यही प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से हुई चर्चा से फिर स्पष्ट होता दिख रहा है।

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