भारत की भूमिका ने रशिया पर असर किया है – अमरीका की ‘सीआईए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स

वॉशिंग्टन – भारत के प्रधानमंत्री ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से फोन पर की हुई बातचीत की गूंज अभी तक अमरीका में सुनाई दे रही हैं। अमरीका के विदेश मंत्रालय ने इसपर सावध प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने परमाणु अस्त्रों के इस्तेमाल को लेकर जताई चिंता का असर रशिया पर हुआ हैं, ऐसा दावा अमरिकी गुप्तचर संगठन सीआईए के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने किया। बर्न्स ने भारत के प्रधानमंत्री ने रखी इस भूमिका का स्वागत किया हैं। इस वजह से यूक्रेन युद्ध की तीव्रता अधिक ना बढ़े, इसके लिए भारत काफी अहम भूमिका निभा रहा हैं, यह फिर से स्पष्ट हुआ है।

भारत की भूमिकारशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन युद्ध परमाणु युद्ध में तब्दील हो सकता है, ऐसे इशारे दे रहे हैं। खास तौर पर अमरीका और नाटो ने यूक्रेन को अत्याधुनिक हथियार प्रदान करना जारी रखा तो रशिया आत्मरक्षा के लिए परमाणु हथियार इस्तेमाल करने में हिचकिचाएगी नहीं, ऐसी धमकी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दी थी। अमरीका ने भी अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियार का पहले इस्तेमाल करने की ‘प्रिएम्पटीव स्ट्राईक’ की नीति अपनाई हैं। इसपर ध्यान आकर्षित करते रशिया को भी ऐसा ही करने का अधिकार होने का दावा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने हाल ही में किया था।

यूक्रेन युद्ध अधिक से अधिक तीव्र होने के दौरान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यह धमकी देकर सभी देशों को कांप दिया था। ऐसे में ही रशिया ही यूक्रेन लंबा चला रही हैं और यह युद्ध इतने जल्द रोकने का इरादा रशिया नहीं रखती, ऐसें आरोप अब यूक्रेन और नाटो भी लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में एक ही समय पर यूक्रेन समेत पश्चिमी और रशिया पर प्रभाव बनाने की क्षमता रखने वाले देश के तौर पर भारत यह संघर्ष अधिक तीव्र ना होने देने की कोशिश करता दिख रहा हैं।

फ्रान्स ने कुछ ही समय पहले भारत के सहयोग से यूक्रेन युद्ध अधिक विध्वंसक ना हो, इसकी कोशिश में होने का दावा किया था। लेकिन, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने परमाणु युद्ध के संकेत देकर ऐसी गतिविधियां करने की बात स्पष्ट होने के बाद स्थिति की गंभीरता कई गुना अधिक बढ़ी हैं। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष से फोन पर बातचीत की थी। इस चर्चा के बाद उन्होंने राजनीतिक बातचीत ही यूक्रेन समस्या का हल निकालने का एक मात्र विकल्प होने का आग्रह किया था। लेकिन, इससे संबंधित अधिक जानकारी माध्यमों के सामने नहीं आ सकी थी।

इस पृष्ठभूमि पर सीआईए के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने रशिया द्वारा दी जा रही परमाणु हमलों की धमकियों का ज़िक्र किया। रशिया परमाणु हमला करने की तैयारी में होने के सबुत अबतक हमें प्राप्त नहीं हुए हैं, ऐसा उन्होंने कहा। साथ ही परमाणु हमले के खतरनाक परिणामों पर अमरीका ने रशिया का ध्यान आकर्षित किया हैं। ऐसें दौर में भारत के प्रधानमंत्री ने परमाणु अस्त्र इस्तेमाल करने पर चिंता जताकर यह मुद्दा उठाया था। इसका प्रभाव रशिया पर होता दिख रहा हैं, ऐसा विल्यम बर्न्स ने कहा।

बाली में आयोजित ‘जी २०’ परिषद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रशिया को दिए संदेश का समावेश दिया गया था, इसका भी विल्यम बर्न्स ने इस साक्षात्कार के दौरान ज़िक्र किया हैं।

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