युद्धविराम के लिए बनी सहमति पर राजनीति कर रहे पाकिस्तान को भारत ने दिलाई ‘बालाकोट’ की याद

नई दिल्ली – पाकिस्तान के बालाकोट में ‘जैश ए मोहम्मद’ ने बनाए अड्डे पर भारत ने किए हुए हवाई हमले को दो वर्ष पूरे हुए हैं। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री और रक्षामंत्री ने देश के सेनाबलों के शौर्य की खुले मन से सराहना की है। भारत और पाकिस्तान के सेना अफसरों के बीच कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम का पालन करने के मुद्दे पर सहमति होने की खबरें प्राप्त हुई हैं। इसके लिए तैयार होकर भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के लिए कदम बढाया है, ऐसे दावे पाकिस्तान में किए जा रहे हैं। लेकिन, भारत के केंद्रीय मंत्री ने बालाकोट की याद दिलाकर पाकिस्तान के लिए आवश्‍यक तीखा संदेश भेजा हुआ दिख रहा है।

सीआरपीएफ’ के ४० सैनिकों की हत्या करनेवाले पुलवामा में हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध लेने के लिए भारत ने २६ फ़रवरी, २०१८ के दिन पाकिस्तान स्थित बालाकोट में जोरदार हवाई हमला किया था। इस हमले से पाकिस्तान दहल उठा था। लेकिन, इस हमले में आतंकी नहीं बल्कि कौए मारे गए हैं, ऐसे हास्यकारक दावे करके पाकिस्तान ने अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखने की कोशिश की थी। भारत के इस हवाई हमले के दो वर्ष पूरे हुए हैं। अगले दिनों में भारत में ऐसे आतंकी हमले किए गए तो इस पर तुरंत प्रत्युत्तर प्राप्त होगा, यह संदेश भारत ने पाकिस्तान को दिया था।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा ने यही संदेश दोहराया है। बालाकोट में किए गए हवाई हमले के द्वारा आतंकवाद बर्दाश्‍त नहीं करेंगे, यह बात भारत ने दिखाई है, ऐसा बयान गृहमंत्री शहा ने किया। तभी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बालाकोट के हवाई हमले के ज़रिये भारत ने आतंकियों पर कार्रवाई करने का अपना निर्धार विश्‍वभर में सार्वजनिक किया है, ऐसा कहा। देश को सुरक्षित रखनवाले रक्षाबलों का हमें गर्व है, यह बयान भी रक्षामंत्री ने आगे किया।

भारत और पाकिस्तान के लष्करी अफसरों की हॉटलाईन से चर्चा हुई है और इस चर्चा के दौरान कश्‍मीर की नियत्रणा रेखा पर एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर युद्धविराम का पालन करने के मुद्दे पर सहमति हुई। इसके लिए पाकिस्तान द्वारा दिखाई जा रही रूचि ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हो रही है। भारत ने हमारे साथ चर्चा शुरू करें, इस उद्देश्‍य से पाकिस्तान ने बीते कुछ हफ्तों से काफी कोशिश करने की बात स्पष्ट हुई थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एवं सेनाप्रमुख भी भारत के सामने बातचीत करने के लिए गिड़गिड़ा रहे थे। लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारत ने चीन जैसे ताकतवर देश को पीछे हटने पर मज़बूर करने के बाद पाकिस्तान की भूमिका में यह बदलाव होता हुआ दिख रहा है।

पाकिस्तान की माँग पर रिस्पान्स देना यानी भारत ने कश्‍मीर मसले से संबंधित अपनी गलती स्वीकारने जैसा है, ऐसे दावे पाकिस्तान के विदेशमंत्री कर रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान के माध्यम और पूर्व राजनीतिक अधिकारी इन दावों पर रोसा करने के लिए तैयार नहीं हैं। बातचीत करने की तैयारी दिखाकर पाकिस्तान ही भारत के सामने झुक गया है, यही बात स्पष्ट दिख रही है, ऐसी प्रतिक्रिया बड़े अफसोस से पाकिस्तानी माध्यम व्यक्त कर रहे हैं। कश्‍मीर के मसले पर अब भारत कहेगा वही पाकिस्तान को स्वीकारना होगा, ऐसी आलोचना करके इन सभी लोगों ने इस स्थिति के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.