रशिया का ईंधन बिल भारत ने डॉलर्स से चुकाया

नई दिल्ली – भारत ने रशिया से खरीदा हुआ ईंधन अमरिकी प्रतिबंधों के दायरे में नहीं आता| लेकिन, यूक्रैन पर हमला करनेवाली रशिया से भारत ने रियायती दर से ईंधन खरीदा, यह इतिहास दर्ज़ होगा, ऐसा अमरीका ने भारत को धमकाया था| भारत पर इसका खास असर नहीं होने की बात दिख रही है| रशिया से खरीदे हुए ईंधन का बिल भारत ने डॉलर्स में चुकाने का वृत्त है|

india-russia-oil-bill-dollars-1भारत की ईंधन कंपनी ‘गेल इंडिया लिमिटेड’ ने रशिया के ‘गाज़प्रोम’ कंपनी से समझौता किया है| इसके अनुसार गाज़प्रोम से गेल कंपनी को सालाना तकरीबन २५ लाख टन ईंधनवायु की आपूर्ति होती है| इससे संबंधित समझौते में यह कारोबार डॉलर में ही पूरा करने का मुद्दा है| इसके अनुसार रशियन कंपनी का बिल ‘गेल इंडिया’ ने डॉलर्स में ही चुकाया है| हर महीने ‘गेल इंडिया’ से यह बिल चुकाया जाता है| २३ मार्च को गेल कंपनी ने गाज़प्रोम को आखिरी बिल अदा किया|

यूक्रैन पर हमला करने के बाद रशिया पर पश्‍चिमी देशों ने सख्त प्रतिबंध लगाए हैं और अमरीका ने रशिया के डॉलर्स में हो रहे कारोबार को लक्ष्य किया है| अन्य देशों से कारोबार करने के लिए रशिया को अपने आरक्षित सोने का भंड़ार भी इस्तेमाल करना मुमकिन ना हो, इसके लिए भी अमरीका ने प्रतिबंध लगाए हैं| लेकिन, रशिया के ईंधन पर कई देश निर्भर हैं और इसमें यूरोपिय देशों का भी समावेश है| इसी वजह से अमरीका को रशिया के ईंधन निर्यात को पूरी तरह से लक्ष्य करना मुमकिन नहीं हुआ| अमरीका सिर्फ रशिया से ईंधन खरीदने वाले देशों को अन्य विकल्प चुनने का आवाहन कर रही है|

india-russia-oil-bill-dollars-2ईंधन निर्यात पर मर्यादा लगने पर रशिया ने भारत को रियायती दर से तकरीबन ३ करोड़ बैरल्स कच्चे तेल की आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया था| ईंधन की कीमतों में बड़ा उछाल आने के दौरान रशिया का यह आकर्षक प्रस्ताव भारत ने स्वीकारा| इस कारोबार पर अमरीका ने आपत्ति जताई थी और इतिहास इसका संज्ञान लेगा, यह कहकर भारत को धमकाने की कोशिश भी की थी| लेकिन, भारत से कई गुना अधिक ईंधन यूरोपिय देश रशिया से अब भी खरीद रहे हैं, इस पर भारत ने अमरीका का ध्यान आकर्षित किया था|

भारत की ईंधन संबंधित ज़रूरतों पर राजनीति ना करें, यह इशारा विदेश मंत्रालय ने अमरीका को दिया था| अब रशियन कंपनी से खरीदे गए ईंधन का बिल डॉलर्स में चुकाकर भारत ने अमरीका को फिर से संदेश दिया है| अमरीका ने रशिया पर लगाए प्रतिबंधों का हम पालन नहीं करेंगे, यही बात भारत ने इससे दर्शायी है| इस पर अमरीका का बयान आने की उम्मीद है| यूक्रैन युद्ध में भारत ने रशिया के खिलाफ होने से इन्कार किया, यह बात नाराज़ करनेवाली होने की बात अमरीका कह रही है| लेकिन, भारत अपने निर्णय लेते हुए देशहित और संबंधों का विचार करता है, इसका अहसास भारत के विदेश मंत्रालय ने अमरीका को कराया था| 

Leave a Reply

Your email address will not be published.