लद्दाख की एलएसी के नजदीक चीन की नई तैनाती

नई दिल्ली – लद्दाख की एलएसी के पास चीन ने क्षेपणास्त्र, रॉकेटस् समेत लगभग ३५ हेवी लष्करी वाहन और चार हॉवित्झर तू भी तैनात की है। इसकी खबरें प्रकाशित हो रही है कि तभी चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने फिर एक बार अपने लष्कर को युद्ध के लिए सिद्ध रहने की सूचना की। कुछ दिन पहले चीन ने बैलेस्टिक क्षेपणास्त्र छेदनेवाले ‘इंटरसेप्टर’ का परीक्षण किया था। लद्दाख की एलएसी पर भारत के साथ बनी तनाव की पृष्ठभूमि पर चीन ने यह परीक्षण किया होने का दावा तुर्की की न्यूज़ एजेंसी ने किया था।

लद्दाख की एलएसी

जल्दी चीन में पारंपरिक उत्सव मनाया जानेवाला है। इसके लिए चीन के लष्कर के जवान बड़े पैमाने पर छुट्टियों की मांग करते हैं। लेकिन इस बार चीन के जवान सावधानी बरतें, ऐसी चेतावनी चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने दी। चीन उत्सव मैं व्यस्त है इसलिए असावधान है, ऐसा संदेश किसी भी हालत में अपने दुश्मनों को नहीं मिलना चाहिए, ऐसी चेतावनी राष्ट्रध्यक्ष जिनपिंग ने दी। इसीलिए चीन के जवानों को युद्ध के लिए सिद्ध रहना ही चाहिए, ऐसा जिनपिंग ने कहा। इससे पहले भी जिनपिंग ने यह संदेश दिया था कि चीन के जवान मौत से ना डरे। चीन के सर्वोच्च नेतृत्व द्वारा अपने जवानों को ऐसे संदेश दिए जा रहे हैं; ऐसे में लद्दाख की एलएसी के पास चीन के लष्कर की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

लद्दाख के चुमार से ८२ किलोमीटर की दूरी पर होने वाले अक्साई चीन के शिकुआन स्थित चीन के लष्करी अड्डे पर ३५ हेवी लष्करी वाहन, चार हॉवित्झर तोपें तैनात कीं होने की खबरें हैं। पिछले महीने में अक्साई चीन के रूदॉक इलाके में लष्करी वाहन, हेवी लष्करी सामग्री इनकी यातायात तथा निर्माण कार्य शुरू होने की बात सामने आई थी। वहीं, दिसंबर महीने में अक्साई चीन के पियू इलाके में २० लष्करी वाहन और रक्षा सामग्री की यातायात हुई दिख रही थी। चीन का लष्कर लद्दाख की एलएसी पर बड़े पैमाने पर तैनाती करके अपनी ताकत बढ़ा रहा है, यह बात भारतीय लष्कर के वरिष्ठ अधिकारियों ने कही है।

साथ ही, तिब्बत के ल्हासा मैं चीन ने जमीन से हवा में दागे जाने वाले ‘सॅम’ क्षेपणास्त्र तैनात किए हैं। इसी के साथ इस स्थान पर ल्हासा में ३० लष्करी वाहन चीन ने तैनात किये हैं। लद्दाख की एलएसी पर बढ़ीं हुईं भारतीय वायुसेना की गतिविधियों के कारण बेचैन होकर चीन ने यह तैनाती की होने के दावे किए जा रहे हैं। चीन द्वारा इस प्रकार भारत की सुरक्षा को चुनौती दी जा रही है; ऐसे में उसे प्रत्युत्तर देने के लिए भारत ने भी उतनी ही जबरदस्त तैयारी की दिख रही है।

राज्यसभा में इस मामले में पूछे गए सवाल का जवाब देते समय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक ने स्पष्ट किया कि एलएसी पर सेना के लिए आवश्यक हथियार और रक्षा सामग्री की खरीद तेजी से की जा रही होकर, उसकी सप्लाई सेना को की जा रही है । उत्तरी सीमा पर दुश्मन का सामना करने के लिए आवश्यक गतिविधियां की जा रही है, ऐसा यकीन इस समय रक्षा राज्य मंत्री ने दिलाया। चीन का ठेंठ नामोलेख टालकर दी गई इस जानकारी के कारण यह स्पष्ट हो रहा है कि सेना के लिए आवश्यक सभी बातों की सप्लाई सुनिश्चित रूप में की जा रही है।

भारत-म्यानमार तथा चीन की सीमा रेखा जहां मिलती हैं, उस सीमा भाग में भी चिनी लष्कर की हरकतें बढ़ीं हैं। इससे पहले भारत-भूतान और चीन की सीमाएं जहां मिली हैं, उस भाग में भी चीन के लष्कर ने गतिविधियां शुरू की थीं। भारत पर दबाव डालने के लिए चीन द्वारा ऐसी हरकतें की जा सकती हैं, यह मान कर चलते हुए भारतीय सेना बलों ने पहले से ही इस क्षेत्र में अपनी गश्ती और तैनाती बढ़ाई थी। इस कारण भारत पर लष्करी दबाव डालने की चीन की कोशिशें कामयाब नहीं हो सकी हैं।

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