भारत ब्रिटेन का ‘नैसर्गिक भागीदार’ देश है – भारत पहुंचे ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख का दावा

नई दिल्ली/लंदन – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए भारत से सहयोग बढ़ाने के अलावा अन्य विकल्प नहीं है, इसका अहसास विश्व के प्रमुख देशों को हुआ है। इसी वजह से इंडो-पैसिफिक के लिए भारत से सहयोग करने के लिए दुनियाभर के प्रमुख देश पहल कर रहे हैं। इस स्पर्धा में हम पीछे नहीं रहेंगे, इसी के लिए ब्रिटेन ने भी कदम बढ़ाए हैं। ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख एडमिरल सर टोनी रैडकिन भारत का दौरा कर रहे हैं। भारत ब्रिटेन का ‘नैसर्गिक भागीदार’ देश हैं, ऐसा दावा ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख ने इस दौरान किया। वहीं, ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने यह कहा है कि, भारत हमारे देश का बड़ा अहम रक्षा संबंधित भागीदार देश हैं।

‘नैसर्गिक भागीदार’तीव्र स्पर्धा और अनिश्चितता के दौर में भारत और ब्रिटेन एक-दूसरे के नैसर्गिक भागीदार देश बनते हैं, यह दावा एडमिरल रैडकिन ने किया। नई दिल्ली में एडमिरल रैडकिन ने भारत के रक्षाबलप्रमुख जनरल अनिल चौहान से मुलाकात करने के बाद यह बयान किया। भारत और ब्रिटेन के रक्षाबलों में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू हैं। इसके लिए दोनों देशों ने काफी बड़ा निवेश किया है, यह कहकर दोनों देश एक-दूसरे को काफी ज्यादा सहायता कर सकते हैं, ऐसा दावा एडमिरल रैडकिन ने किया। यह रक्षा संबंधित सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और ब्रिटेन ने काफी अहम बैठक आयोजित करना तय किया हैं, ऐसी जानकारी ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख ने इस अवसर पर साझा की।

ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख भारत में होने के बीच में ही ब्रिटिश वायुसेना प्रमुख के भारत दौरे की खबरें सामने आ रही हैं। ब्रिटेन के वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल सर माईक विग्स्टन ने भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे से मुलाकात की। इस वजह से ब्रिटेन भारत के साथ रक्षा सहयोग अधिक व्यापक करने के लिए विशेष कोशिश में होने की बात स्पष्ट हो रही है। खास तौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने हितसंबंधों की सुरक्षा करने के लिए ब्रिटेन को भारत के साथ सहयोग व्यापक करने की ज़रूरत महसूस होती दिख रही है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने यह बात सार्वजनिक स्तर पर रखी थी।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रायोजक देश के तौर पर ब्रिटेन को पैसिफिक क्षेत्र खुला, मुक्त और स्वतंत्र रहने की उम्मीद है। इसके लिए ब्रिटेन इस क्षेत्र के लिए अधिक पहल कर रहा हैं, यह दावा रक्षा मंत्री वॉलेस ने किया। रक्षाबलप्रमुख एडमिरल सर टोनी रैडकिन ने भारतीय रक्षाबलप्रमुख से हुई चर्चा के ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने किया यह बयान अधिक स्पष्टता से माध्यमों के सामने पेश किया जा रहै।

इसी बीच, फ्रान्स और जर्मनी ने भी इंडो-पैसिफक के लिए हम भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का ऐलान पहले की किया है। अमरीका लगातार खुले, मुक्त और स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक के लिए हम प्रतिबद्ध हैं, यह कहकर इसके लिए भारत से सहयोग बढ़ाएंगे, ऐसा कह रही हैं। इसके अलावा कनाड़ा जैसे देशने भी अपनी नीति में इंडो-पैसिफिक का विशेष ज़िक्र करके भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का ऐलान किया है। ऐसे में जापान और इस क्षेत्र के अन्य देश भारत के साथ अपनी मित्रता अधिक मज़बूत करके इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को चुनौती देने की तैयारी जुटा रहे हैं।

ऐसी स्थिति में ब्रिटेन ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश बढ़ाई हैं, यही बात एडमिरल सर टोनी रैडकिन के इस दौरे से स्पष्ट हो रही है।

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