भारत के पास चिनी सामान के अलावा विकल्प नही – चीन की सरकारी पत्र का दावा

नई दिल्ली/बीजिंग – ‘जैश ए मोहम्मद’ का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर पर सुरक्षा परिषद की कार्रवाई में अडंगा लाकर उसे बचा रहे चीन के विरोध में भारतीयों के मन में बडा असंतोष बना है| इसीलिए चीन की उत्पादों की होली करने का निर्णय भारतीय व्यापारी संघटनों ने किया है| लेकिन, इस पर चौकन्ना होकर अपनी भूमिका में बदलाव करने के बजाय चीन ने भारत को उकसाया है| भारत के पास बडी तादाद में उत्पाद की क्षमता ही नही है, इस वजह से चिनी उत्पादों के अलावा भारत के सामने अन्य कोई दुसरा विकल्प नही है, ऐसा चीन सरकार का मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने कहा है|

भारत एवं चीन के बीच सालाना ८० अरब डॉलर्स से भी अधिक रकम का द्विपक्षीय व्यापार हो रहा है| इस में चीन से भारत को हो रही निर्यात की मात्रा ६३ अरब डॉलर्स है| भारत से इतनी बडी संख्या में लाभ उठा रहा चीन भारत की सुरक्षा संबंधी हितसंबंधों को पूरी तरह से नजरअंदाज करता रहा है| उलटा भारत को चुनौती दे रहे पाकिस्तान का पक्ष लेने का काम चीन लगातार करता रहा है| भारत में लगातार हो रहे आतंकी हमलों का कारण बने ‘मसूद अजहर’ पर सुरक्षा परिषद की कार्रवाई में चीन ने इससे पहले तीन बार अडंगा लाया है और यह कार्रवाई रोक दी है|

पुलवामा में हुए हमले के बाद भारत ने किया निवेदन पूरी तरह से नजरअंदाज करके चीन ने चौथी बार सुरक्षा परिषद की अजहर पर होने वाली कार्रवाई रोक दी है| उसके बाद भारत में क्रोध की लहर उठी है एवं चीन के उत्पादों पर बहिष्कार करने की मांग जोर पकड रही है| सिर्फ ग्राहक ही नही, अब व्यापारी संगठन भी चीन के उत्पादों पर बहिष्कार करने की मांग कर रहे है| इस बार चीन ने निर्माण किया सामना आग के हवाले करके होली मनाने का निवेदन व्यापारी संगठनों ने किया है एवं मंगलवार के दिन कुछ जगहों पर चीन के उत्पादों की होली भी मनाई गई| इस पर चीन से प्राप्त हुई प्रतिक्रिया भारतीयों के क्रोध में बढोतरी करने का कारण बन रही है|

भारत, चीन की तरह बडी तादाद में उत्पाद करनेवाला देश नही है| इसीलिए पहले ही चीन ने बनाए सामान पर बहिष्कार करने की भारतीयों की कोशिश असफल हुई है, ऐसी फटकार चीन का सरकारी पत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने अपने लेख में लगाई है| इस बार भी चिनी उत्पादों पर बहिष्कर करने की भारतीयों की कोशिश असफल ही होगी| भारत की इच्छा हो या नही, भारत को चीन के उत्पादों का इस्तेमाल करने के अलावा दुसरा विकल्प नही है, ऐसा ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने डटकर कहा है| भारतीयों का ध्यान चीन की ओर आकर्षित करने की कोशिश हुई तो उसके परिणाम भारत में ही दिखाई देंगे, यह धमकी भी ग्लोबल टाईम्स ने दी है|

कुछ भारतीय विश्‍लेषकों ने भी चीन की उत्पादों पर बहिष्कार करने की तैयारी कर रहे भारतीयों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है| चीन के उत्पादों ने भारत का बाजार कितनी मात्रा में काबिज किया है, इसकी जानकारी पहले प्राप्त करें, ऐसी सलाह यह विश्‍लेषक भारतीयों को दे रहे है| भारतीय बाजार के बडे हिस्से पर चीन ने पहले ही कब्जा किया है और इससे बाहर निकलने के लिए भारत को काफी बडी मात्रा में कोशिश करनी होगी और इसके लिए समय लग सकता है, ऐसा इन विश्‍लेषकों का कहना है| इस वजह से चीन के आत्मविश्‍वास में बढोतरी हुई है और चीन ने बनाए सामान का इस्तेमाल भारत रोक ही नही सकता, यह चीन का सरकारी पत्र डंके की चोट पर स्पष्ट तौर पर कह रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.