पाकिस्तान के ‘फेक न्यूज़ कैम्पेन’ पर भारत ने की आलोचना

नई दिल्ली – पाकिस्तान ने भारत की प्रतिमा मलिन करने के लिए सोशल मीडिया पर गलत जानकारी और फेक न्यूज़ फैलानी की जोरदार मुहीम चलाई है, ऐसी आलोचना भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में की है। अमरिका के ‘स्टैनफोर्ड इंटरनेट ऑब्ज़र्वेटरी’ (एसआयओ) ने जारी किए रपट का दाखिला देकर भारत ने पाकिस्तान पर यह आरोप किए है।

pakistan-fake-news-campaignभारत की प्रतिमा मलिन करने के लिए पाकिस्तान झूठा प्रचार कर रहा है। इसमें दुर्भावना से भरा प्रचार, गलत जानकारी और झूठी खबरें फैलाने का काम हो रहा है। ‘एसआयओ’ की रपट में गलत जानकारी का फैलाव कैसा किया जा रहा है, यह बात दर्ज़ है और इस ओर ध्यान देना होगा। सच्चाई विश्‍व के सामने आयी है, इन शब्दों में भारत के संयुक्त राष्ट्र में नियुक्त स्थाई प्रतिनिधि ने पाकिस्तान की हरकतों की ओर ध्यान आकर्षित किया हैं। कुछ दिन पहले भारत के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने पर फेसबुक और इन्स्टाग्राम ने पाकिस्तान के कुछ गुट और लोगों के अकाउंट्स पर कार्रवाई की थी। इसमें फेसबुक ने अपप्रचार करने के आरोपों के तहत १०३ पोस्ट, ७८ ग्रूप, ४५३ फेसबुक अकाउंटस्‌ और १०७ इन्स्टाग्राम खातों पर कार्रवाई की थी।

पाकिस्तान में कुछ लोग झूठी खबरे फैलाने का नेटवर्क चला रहे हैं और पाकिस्तान के सियासी नेताओं का भी ऐसे लोगों से संबंध होने की बात ‘एसआयओ’ की इस रपट में दर्ज़ की गई थी। कुछ ‘पेज’ पर और ‘ग्रूप्स’ पर पाकिस्तान से संबंधित जानकारी भी दी गई है। इनमें से कुछ पोस्टस्‌ में भारत पर आलोचना करने के साथ पाकिस्तान की खुफिया यंत्रणा ‘आयएसआय’ और इम्रान खान के तेहरि-ए-इन्साफ पार्टी की सराहना की गई है। २८ अगस्त के दिन फेसबुक ने ‘एसआयओ’ के साथ इस रपट की जानकारी साझा की थी। इस रपट में पाकिस्तान से सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम की आलोचना की गई है। इसी रपट में ७० हज़ार अकाउंटस्‌ और ११ लाख युज़र्स संबंधित मुहिम से जुड़े होने का दावा भी किया गया है।

pakistan-fake-news-campaignकुछ ग्रूप्स में भारतीय नागरिकों को लक्ष्य किया गया है। इसमें भारत के प्रधानमंत्री एवं सियासी दलों की बदनामी करनेवाली जानकारी का भी समावेश है। यह पोस्ट उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी भाषाओं में किए गए हैं। फेसबुक ने इस प्रकार की फेक न्यूज़ फैलाने में शामिल पाकिस्तानी सेना की ‘इंटरसर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स विंग’ से संबंधित अकाउंटस्‌ अप्रैल २०१९ में बंद करने की कार्रवाई की थी।

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