एफ-१६ की खरीदारी करने पर भारत पर प्रतिबंध नहीं – अमरिका का प्रस्ताव

नई दिल्ली: रशिया से एस-४०० हवाई सुरक्षा यंत्रणा के खरीदारी का व्यवहार होने पर अमरिका के कानून के अनुसार भारत पर प्रतिबंध जारी होंगे, ऐसी धमकी अमरिका ने दी थी। उसकी परवाह न करते हुए भारत में रशिया के साथ इस हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीदारी का व्यवहार किया था। अब अमरीका भारत पर प्रतिबंध जारी करेगा या इससे भारत को छूट देकर सहूलियत देगा इसकी तरफ दुनिया भर के प्रमुख देशों का ध्यान लगा हुआ है। अमरिका ने इस संदर्भ में कोई भी निर्णय घोषित नहीं किया है। पर अगर भारत ने अपने एफ-१६ लड़ाकू विमान की खरीदारी की तो भारत पर प्रतिबंध जारी नहीं किए जाएंगे, ऐसे संकेत अमरिका ने दिए हैं।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादीमीर पुतिन इनके भारत दौरे में दोनों देशों में एस-४०० हवाई सुरक्षा यंत्रणा के खरीदारी का करार हुआ था। अमरिका ने इस करार के विरोध में भारत को चेतावनी दी थी। काउंटरिंग अमरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट अमेरिकन संसद ने मंजूर किए कानून के अनुसार अमरिका के प्रतिबंधों का झटका लग सकता है, इसका अहसास अमरिका ने दिलाया था। उसकी परवाह न करते हुए भारत ने रशिया के साथ यह करार किया था। उसके बाद अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने जल्द ही अपनी प्रतिक्रिया भारत को मिलेगी, ऐसे सूचक विधान किए थे। पर अभी भी अमरिका ने भारत पर प्रतिबंध जारी करने के बारे में कदम नहीं उठाए हैं।

एफ-१६, खरीदारी, भारत, प्रतिबंध, नहीं, अमरिका, प्रस्तावभारत जैसे मित्र देश पर प्रतिबंध जारी करने की गलती ट्रम्प प्रशासन नहीं करेगा, ऐसे कई विशेषज्ञों का कहना है। इस पृष्ठभूमि पर ट्रम्प प्रशासन से भारत को दूसरा प्रस्ताव मिलने की खबरें सामने आ रही है। अमरिकन बनावट के लड़ाकू एफ-१६ विमान की खरीदारी करने की तैयारी दिखाने पर अमरिका भारत पर प्रतिबंधों का विचार छोड़ देगा, ऐसे संकेत अमरिका ने दिए हैं। लॉकहीड मार्टिन इस अमरिकन कंपनी द्वारा एफ-१६ का निर्माण किया जाता है एवं अमरिका के मित्र देशों के पास आज भी एफ-१६ का बेड़ा है।

इससे पहले भी भारत को एफ-१६ प्रदान करने का प्रस्ताव अमरिका ने दिया था और उसके लिए अपना प्रभाव का उपयोग भी किया था। पर पाकिस्तान के वायुसेना के बेड़े में एफ-१६ का समावेश होने से भारत ने यह प्रस्ताव ठुकराने की बात कही जा रही है। पर मेक इन इंडिया उपक्रम के अंतर्गत इस लड़ाकू विमान का भारत में ही निर्माण करने की तैयारी लॉकहीड मार्टिन ने की है।

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स इस भारतीय कंपनी को एफ-१६ के विंग्स तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। आनेवाले समय में दोनों कंपनियां इस सहयोग का विस्तार करने के लिए उत्सुक होने की बात उजागर हो रही है।

८० के दशक में पाकिस्तान को प्रदान किए एफ-१६ विमान और इस एफ-१६ विमान में फिलहाल बहुत बड़ा फर्क है। इन विमानों का बड़े तादाद में आधुनिकीकरण किया गया है और आधुनिक तंत्रज्ञान की वजह से यह लड़ाकू विमान पहले से अधिक प्रभावी काम कर सकते हैं, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। एक ही समय पर पाकिस्तान एवं चीन जैसे पड़ोसी देशों से भारत को मिल रहे चुनौतियों के पृष्ठभूमि पर इस लड़ाकू विमानों का विकल्प भारत के लिए सर्वोत्तम हो सकता है, ऐसा कहा जा रहा था। तथा भारत के लिये रक्षा जरूरते ध्यान में लेकर विमान में आवश्यक बदलाव करने की तैयारी लॉकहिड मार्टिन ने दिखाई है।

भारत के वायु सेना को लगभग ८२ स्क्वाड्रन इतने बड़े तादाद में लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। फिलहाल भारत के पास ३१ स्क्वाड्रन होकर उसमें कई विमानों की काल मर्यादा खत्म होने आई है। इसी बीच एफ-१६ की खरीदारी का प्रस्ताव सामने नही है, ऐसा भारत से कहा जा रहा है। फिर भी आनेवाले समय में यह विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

भारत का अमरिका के साथ रक्षा सहयोग अधिक दृढ़ होता जा रहा है। यह सहयोग नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए दोनों देश उत्सुक होकर भारत अमरिका से रक्षा क्षेत्र से प्रगत तंत्रज्ञान प्राप्त करने के लिए उत्सुक है। इसलिए एफ-१६ के बारे में अमरिका से मिल रहे इस प्रस्ताव पर भारत विचार करने पर विवश होने का स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है।

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