यूरोपिय महासंघ के देशों से पाकिस्तान को प्राप्त हो रही सैन्य सहायता रोकने के लिए भारत ने किया फ्रान्स से आवाहन

नई दिल्ली – विश्‍व में काफी बड़ी गतिविधियाँ होने के बीच में यूरोपिय महासंघ का अध्यक्षपद फ्रान्स को प्राप्त हुआ है। भारत के साथ बेहतर संबंध रखनेवाले फ्रान्स को प्राप्त हुआ यह अध्यक्षपद काफी बड़ी अहमियत रखता है। इसके लिए फ्रान्स का अभिवादन करने के बीच में ही भारत ने फ्रान्स के सामने अहम माँग रखने की खबरें हैं। यूरोपिय महासंघ के सदस्य देश पाकिस्तान को हथियार ना बेचें, इसके लिए कोशिश करने का आवाहन भारत ने फ्रान्स से किया हैं।

सैन्य सहायताविदेशमंत्री एस.जयशंकर ने फ्रान्स के विदेशमंत्री जीन येस लेद्रियान से फोन पर बातचीत की और उनका अभिवादन किया। काफी अहम दौर में फ्रान्स यूरोपिय महासंघ का अध्यक्ष बना है, यह आश्‍वासक बात साबित होती है। इस वजह से भारत और फ्रान्स की रणनीतिक भागीदारी को अलग ही उंचाई प्राप्त होगी, यह विश्‍वास जयशंकर ने व्यक्त किया। १३ साल बाद फ्रान्स को यूरोपिय महासंघ का अध्यक्षपद प्राप्त हुआ है। ऐसी स्थिति में अपने इस मित्रदेश के सामने भारत ने काफी अहम माँग रखी होने की जानकारी सूत्रों ने प्रदान की।

पाकिस्तान के इतिहास पर गौर करके आतंकियों को सहायता प्रदान कर रहें इस देश को प्रगत शस्त्रास्त्र प्राप्त ना हो सके, इसके लिए फ्रान्स कोशिश करें और ऐसें कारोबारों पर पाबंदी लगाए, यह भारत की माँग हैं। यूरोपिय महासंघ के सदस्य देश स्वीडन और इटली फिलहाल पाकिस्तान को हथियार प्रदान कर रहे हैं। इनमें स्वीडन की साब ग्रिपेन कंपनी पाकिस्तान की वायु सेना को विमानों के पुर्जे प्रदान कर रही हैं। इसके अलावा इटली पाकिस्तान को टैंक के लिए ज़रूरी सहायता प्रदान कर रहा हैं। पाकिस्तान की इस सहायता को रोकने के लिए फ्रान्स अहम भूमिका निभा सकता है।

पाकिस्तान को किसी भी तरह सैन्य सामान एवं हथियारों की आपूर्ति ना करने का ऐलान फ्रान्स ने पहले ही किया था। यूरोपिय महासंघ भी यही निर्णय करे, इसके लिए फ्रान्स कोशिश कर सकता है। इस कारण पाकिस्तान की मुश्‍किलें अधिक बढ़ सकती हैं। यूरोपिय महासंघ भारत के साथ मुक्त व्यापारी समझौता करने के लिए उत्सुक है और भारत की इस माँग का संज्ञान महासंघ को लेना होगा, यही फिलहाल दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.