भारत-ऑस्ट्रेलिया के मुक्त व्यापारी समझौते का कार्यान्वयन शुरू

नई दिल्ली – भारत और ऑस्ट्रेलिया ने किए मुक्त व्यापारी समझौते का कार्यान्वयन गुरुवार से शुरू हुआ हैं। भारत के प्रधानमंत्री ने इसका स्वागत किया हैं। दोनों देशों के व्यापक रणनीतिक सहयोग के लिए यह ऐतिहासिक घटना है, ऐसा बयान प्रधानमंत्री मोदी ने किया। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने यह दावा किया कि, इस व्यापारी समझौते की वजह से ऑस्ट्रेलियन उद्योग क्षेत्र के सामने काफी बड़े अवसर उपलब्ध हुए है। अगले साल के मार्च महीने में हम व्यापारी शिष्टमंड़ल को लेकर भारत यात्रा करेंगे, यह ऐलान भी ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया। इस मुक्त व्यापारी समझौते की वजह से भारत और ऑस्ट्रेलिया का व्यापार अगले पांच सालों में ४५ से ५० अरब डॉलर्स तक बढ़ेगा, यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

मुक्त व्यापारी समझौतेइस साल २ अप्रैल को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ‘इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन ॲण्ड ट्रेड एग्रीमेंट’ (इसीटीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके ८८ दिनों बाद इसपर बातचीत शुरू हुई और गुरुवार से इस समझौते का कार्यान्वयन शुरू हुआ हैं। भारत के व्यापारमंत्री पियुष गोयल ने ऑस्ट्रेलिया का पूर्व तेज़ गेंदबा ज ‘ब्रेट ली’ की गति और सचिन तेंडुलकर की परिपूर्णता इस समझौते की बातचीत में थी, यह कहा है। साथ ही इस समझौते की वजह से भारत के सूक्ष्म, लघू और मध्य उद्योगों को काफी बड़ा लाभ प्राप्त होगा, यह दावा व्यापार मंत्री ने किया हैं। फिलहाल भारत और ऑस्ट्रेलिया का सालाना द्विपक्षीय व्यापार ३१ अरब डॉलर्स हैं। लेकिन, ‘ईसीटीए’ की वजह से अगले पांच सालों में यही व्यापार बढ़कर ४५ से ५० अरब होगा, यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के इस व्यापारी सहयोग की वजह से भारत में करीबन १० लाख नए रोज़गार उपलब्ध होंगे, यह जानकारी प्रदान हो रही हैं। इस समझौते की वजह से भारत के १०० प्रतिशत उत्पादों को ऑस्ट्रेलिया के बाज़ार से सीधा लाभ उठाना मुमकिन होगी और करों से राहत भी मिलेगी। भारत से ऑस्ट्रेलिया को हो रही ९८.३ प्रतिशत निर्यात को इस व्यापारी समझौते के तहत पहले दिन से सहुलितय प्राप्त होगी, अन्य उत्पादों की निर्यात को पांच सालों में समय समय पर यह सहुलियत प्रदान होगी। वही, ऑस्ट्रेलिया से भारत हो रहे ७० प्रतिशत निर्यात को भारत में कर सहुलियत दी जा रही हैं। इनमें से ऑस्ट्रेलिया के करीबी ४० प्रतिशत निर्यात को इस समझौते के पहले दिन से भारत में सहुलियत प्राप्त हो रही है।

‘ईसीटीए’ की वजह से ऑस्ट्रेलिया से भारत को कोयला, एल्युमिनियम आदि कच्चे सामान की कम कीमत से सप्लाइ होगी। इससे देश के उत्पाद क्षेत्र को बड़ा लाभ प्राप्त होगा और भारतीय उद्योग क्षेत्र इससे वैश्विक स्पर्धा में अधिक प्रभावी काम करेगा, ऐसा व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने कहा है। वही, ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने ‘ईसीटीए’ यानी विश्व के दो बड़े जनतंत्र देशों का व्यापारी सहयोग होगा, इसपर ध्यान आकर्षित किया। इस वजह से ऑस्ट्रेलिया को करीबन डेढ़ अरब जनसंख्या के भारत का बाज़ार खुल जाएगा, यह विश्वास व्यापारमंत्री डॉन फैरल ने जताया।

ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री ने किया जनतंत्र देशों का ज़िक्र द्यान आकर्षित करता हैं। राजनीतिक मतभेदों की वजह से चीन और ऑस्ट्रेलिया का व्यापार ठंड़ा पड़ा हैं और चीन ने ऑस्ट्रेलिया की निर्यात को लक्ष्य करने वाली नीति अपनाई थी। ताइवान का मसला, कोरोना के प्रकोप को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने अपनाई भूमिका और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की वर्चस्ववादी नीति का विरोध करने की वजह से चीन ऑस्ट्रेलिया पर काफी गुस्सा हैं। इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ व्यापारी और सैन्य सहयोग बढ़ाकर चीन के दबाव पर प्रत्युत्तर दिया था। इसी वजह से भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने यह व्यापारी समझौता करना सीर्फ आर्थिक नहीं बल्कि, दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग के नज़रिये से बड़ा अहम समझा जाता है। इसका प्रतिबिंब ऑस्ट्रेलिया ने इस समझौते पर दर्ज़ की प्रतिक्रिया में दिख रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने इस समझौते का स्वागत कते हुए अगले पांच सालों में मार्च महीने में उच्चस्तरीय व्यापारी शिष्टमंड़ल के साथ अहम भारत यात्रा पर जाएंगे, यह ऐलान किया है। भारत के प्रधानमंत्री ने हमें इस यात्रा का न्यौता दिया है, यह जानकारी प्रधानमंत्री अल्बानिज ने साझा की है।

इससे पहले भारत ने संयुक्त अरब अमीराती के साथ भी मुक्त व्यापारी समझौता किया हैं और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ प्राप्त होगा, ऐसें दावे किए जा रहे हैं। वही, ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ के साथ भी भारत की मुक्त व्यापारी समझौते पर चर्चा हो रही है। यह चर्चा भी जल्द ही पुरी होगी, खास तौर पर ब्रिटेन के साथ व्यापारी समझौता करीबी समय में ही होगा, यह विश्वास ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषी सुनक ने व्यक्त किया था। विश्वासार्ह व्यापारी भागीदार देश के तौर पर पूरे विश्व से भारत को देखा जा रहा है और कई देश भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए उत्सुक होने की जानकारी व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने हाल ही में राज्यसभा में रखी थी। इनमें कनारा एवं खाड़ी देशों का समावेश होने की बात व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने कही हैं।

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