अमरिका के साथ ‘टू प्लस टू’ चर्चा की पृष्ठभूमि पर – ‘अझहर’ पर बंदी के लिए भारत की गतिविधियाँ शुरू

नई दिल्ली: सितंबर महीने के पहले हफ्ते में ही भारत और अमरिका के विदेश मंत्री तथा रक्षा मंत्रियों के बीच ‘टू प्लस टू’ चर्चा होने वाली है। इस चर्चा से पहले आतंकवादी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का प्रमुख ‘मौलाना मसूद अझहर’ पर अंतर्राष्ट्रीय बंदी लगाने के लिए भारत ने कोशिश शुरू की है। पठानकोट में स्थित भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हमला करने वाले अझहर के खिलाफ भारत ने शुरू की इस मुहीम को अमरिका की तरफ से अनुकूल प्रतिसाद मिलने की संभावना जताई जा रही है।

अमरिका, टू प्लस टू, चर्चा, पृष्ठभूमि, अझहर, बंदी, भारत, गतिविधियाँ शुरूपाकिस्तान में नई सरकार सत्ता पर आई है और इम्रान खान ने भारत के साथ साथ सभी पडौसी देशों के साथ उत्तम संबंध प्रस्थापित करने की घोषणा की है। साथ ही भारत कश्मीर के साथ साथ सभी समस्याओं पर चर्चा करे, ऐसा आग्रह इम्रान खान की सरकार कर रही है। लेकिन पाकिस्तान ने अब तक अपनाया हुआ आतंकवाद का रास्ता छोड़ने की घोषणा इम्रान खान ने अभी तक नहीं की है। साथ ही अमरिका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ के साथ फोनपर हुई चर्चा में आतंकवाद का मुद्दा नहीं था, ऐसा कहकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आतंकवाद के सन्दर्भ में होने वाले आरोपों से अपने देश को अलग करने की कोशिश शुरू है।

इस पृष्ठभूमि पर भारत और अमरिका के बीच हो रही ‘टू प्लस टू’ चर्चा चर्चा का महत्व अधिक बढ़ गया है। अमरिका की पाकिस्तान के प्रति भूमिका अधिकाधिक आक्रामक होती जा रही है और आतंकवाद के बारे में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का प्रशासन अधिक कठोर बन गया है। ऐसी परिस्थिति में पठानकोट में हुए हमले का सूत्रधार अझहर के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबन्ध लगाने के लिए भारत ने कदम उठाए हैं। इसके पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में अझहर के खिलाफ तीन बार इस तरह का प्रस्ताव रखा था।

लेकिन चीन ने तकनीकी वजह बताकर इस प्रस्ताव के खिलाफ नकाराधिकार इस्तेमाल किया था। भारत ने इसके खिलाफ बार बार चीन को आवाहन किया था। लेकिन चीन ने अझहर के बारे में अपनी भूमिका नहीं बदली है। फिर भी इस बार अमरिका ने अझहर के मामले में चीन पर दबाव डालने के लिए गतिविधियाँ तेज करने के दावे किए जा रहे हैं। साथ ही भारत ने भी चीन पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अझहर पर यह कार्रवाई करने के लिए कोशिश की है। भारत और चीन के बीच इस संवाद को सफलता मिल सकती है। ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

इस बार सदर कोशिशों को सफलता नहीं मिली है, फिर भी भारत और अमरिका के बीच चर्चा में अझहर का मुद्दा उपस्थित हुआ, तो उसका बहुत बड़ा दबाव पाकिस्तान पर आ सकता है। विशेषतः अपनी सरकार की नीति आतंकवादियों को अनुकूल नहीं होगी, ऐसे दावे करने वाली पाकिस्तान की नई सरकार पर दबाव इस वजह से अधिक बढने वाला है।

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