देश में पहली ‘किसान ट्रेन’ शुरू

नासिक – सब्ज़ी और फलों जैसे नाशवान माल की यातायात के लिए देश में पहली ‘किसान ट्रेन’ की सेवा शुक्रवार से शुरू की गई। केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पियुष गोयल ने ‘वीडियो कान्फरन्सिंग’ के माध्यम से इस ‘ट्रेन’ को हरी झंड़ी दिखाई। फिलहाल यह ट्रेन नासिक के पास देवलाली से बिहार के दानापूर के दरमियान हफ़्ते में एक दिन चलाई जाएगी।

‘किसान ट्रेन’

केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने इस वर्ष के अर्थसंकल्प के दौरान नाशवान माल की यातायात के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में पूरी तरह से वातानुकूलित विशेष ट्रेन शुरू करने का ऐलान किया था। इसके अनुसार यह सेवा शुरू की गई है। इस सेवा के माध्यम से किसानों के खेत से नाशवान सामान की बाज़ार तक की यातायात वातानुकूलित सुविधा का उपयोग करके की जाएगी। इस ट्रेन की वजह से किसानों को उनका नाशवान सामान अच्छी स्थिति में बाज़ार तक पहुँचाकर अधिक मुनाफ़ा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

देवलाली स्टेशन से सुबह ग्यारह बजे इस किसान ट्रेन का सफर शुरू हुआ। लगभग 31 घंटे 45 मिनिटों में 1519 किलोमाटर का फासला तय करके शनिवार की शाम 6.45 बजे यह गाड़ी बिहार के दानापुर स्टेशन पहुँचेगी। इस मार्ग में नासिक रोड़, मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुरहाणपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, माणिकपूर, प्रयागराज, पं.दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुक कर यह ट्रेन दानापुर पहुँचेगी, यह जानकारी रेल अधिकारी ने प्रदान की।

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से कोल्ड चेन और खेती के उत्पादों की यातायात एवं बिक्री करने के लिए यह सेवा उपलब्ध रहेगी। नासिक ज़िला और नज़दिकी क्षेत्र से ताज़ी सब्जियां, फल, फूल, प्याज़ एवं अन्य नाशवान उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है। बल्कि यह क्षेत्र ‘किचन गार्डन’ के तौर पर भी जाना जाता है। यह सामान महाराष्ट्र के अन्य शहरों के अलावा अन्य राज्यों के पटना, इलाहाबाद, कटनी, सतना जैसे स्थानों पर भी पहुंचाना संभव होगा।

‘किसान ट्रेन’

इससे पहले रेलवे ने केले की यातायात के लिए विशेष ट्रेन चलाई थी। लेकिन, विभिन्न प्रकार के नाशवान चीज़ो की यातायात के लिए इस तरह से गाड़ी चलाने का यह पहला अवसर है। इस ट्रेन के माध्यम से अनाज़, सब्ज़ियां एवं फलों की उचित पद्धति से यातायात करने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस ट्रेन के अलावा ‘कन्टेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ (सीसीआय) ‘सीएसआर’ निधी का उपयोग करके उत्तरप्रदेश के गाज़ीपुर घाटी एवं राजा का तालाब और दिल्ली के न्यू आज़ादपुर में नाशवान सामान के लिए ‘कार्गो सेंटर’ शुरू किए गए हैं। नासिक ज़िले के लासलगाव में भी इसी प्रकार की योजना कामयाबी के साथ शुरू करने की कोशिश की जा रही हैं।

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