चीनी मोबाईल्स निर्माण करनेवाली कंपनियों पर आयकर विभाग के छापे – कदाचार के लिए लग सकता हैं १ हज़ार करोड़ रुपयों गा जुर्माना

नई दिल्ली – कदाचार में शामिल चीनी मोबाईल्स निर्माण करनेवाली २ कंपनियों पर आयकर विभाग ने छापे मारे थे। २१ दिसंबर को इन छापों की जानकारी सामने आयी है और इन मामलों में तकरीबन ५,५०० करोड़ रुपयों का कदाचर होने की बात सामने आयी है। इसके लिए इन कंपनियों पर तकरीबन १ हज़ार करोड़ रुपयों का जुर्माना लगाया जा सकता है। आयकर विभाग के अफसर ने यह जानकारी प्रदान की।

आयकर विभागकर्नाटक, तमिलनाडु, असम, पश्‍चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान और दिल्ली में मारे गए इन छापों के दौरान आयकर विभाग को काफी अहम जानकारी मिली है। अपने कारोबार एवं खातों की इन कंपनियों ने पेश की हुई जानकारी उनके आर्थिक कारोबार से मेल नहीं खा रही थी। इसमें काफी कदाचार होने की बात पर आयकर विभाग के अफसरों ने गौर किया था। इसके अनुसार उन्होंने अधिक जाँच करके इन कंपनियों के कदाचार के सबूत प्राप्त किए हैं, ऐसा ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस’ (सीबीडीटी) ने कहा है।

इन कंपनियों को दूसरे देश से अवैध सहायता एवं पैसे दिए जा रहे थे। यह रक्म तकरीबन ५,५०० करोड़ रुपयों तक जाती है, यह जानकारी ‘सीबीडीटी’ ने साझा की। इन कंपनियों का मोडस ऑपरेंडी का पता चला है और इसमें काफी बड़े कदाचार की बात सामने आयी है। इस पर कार्रवाई की जाएगी और इसके लिए इन कंपनियों को जुर्माना भरना पड़ेगा। इस जुर्माने की रक्म कुल १ हज़ार करोड़ हो सकती है, यह भी ‘सीडीबीटी’ ने कहा है।

यह कंपनियाँ चीनी मोबाईल्स का निर्माण करती हैं। इसलिए इस कदाचार के पीछे चीन का हाथ होने की कड़ी आशंका जताई जा रही है। भारत में इससे पहले भी इस तरह की चीनी कंपनियों का रैकेट जालसाज़ी में शामिल होने की बात स्पष्ट हुई थी। साथ ही चीनी कंपनियाँ निधि का अवैध हस्तांतरण करने में जुटी होने की बात भी सामने आयी थी। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि, अन्य देशों में भी चीन इस तरह से उन देशों के कानून को दरकिनार करके कदाचार करने में शामिल होने के कई मामले सार्वजनिक हुए थे। कुछ देशों ने तो इस कदाचार के पीछे होनेवाली चीनी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी हिरासत में लिया था।

‘५ जी’ क्षेत्र में सक्रिय चीनी कंपनी हुवेई की वरिष्ठ अधिकारी मेंग वैंगझो को कनाड़ा ने गिरफ्तार करके लंबे समय तक अपनी हिरासत में रखा था।

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