लष्करी कार्रवाई रोकी नहीं गई तो म्यांमार खून से लथपथ हुआ दिखेगा – संयुक्त राष्ट्रसंगठन के विशेषदूत का इशारा

न्यूयॉर्क/नेप्यितौ – अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा म्यांमार की सेना प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कर रही हिंसा को रोका नहीं गया तो म्यांमार खून से लथपथ होता दिखाई देगा, ऐसी कड़ी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेषदूत ने दी। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में बुधवार के दिन हुई बैठक में म्यांमार के लिए नियुक्त विशेषदूत क्रिस्तीन श्रेनर बर्गनर ने यह चेतावनी दी। म्यांमार में बीते दो महीनों से सेना द्वारा लोकतंत्र के समर्थन में जारी प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और इस दौरान अब तक ५५० से अधिक लोग मारे गए हैं।

myanmar-military-actionम्यांमार में बीते दो महीनों से सेना के विद्रोह के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। जबरन कब्ज़ा की हुई सत्ता म्यांमार की सेना छोड़ दे और लोकतंत्रवादी सरकार के हाथों में पूरा नियंत्रण सौंप दे, इसके लिए व्यापक प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इन प्रदर्शनों को देश के कोने-कोने से प्रचंड़ समर्थन प्राप्त हुआ है और विद्रोही संगठन एवं धार्मिक गुट भी इसमें उतरे हैं। प्रदर्शनों को प्राप्त हो रहा बढ़ता समर्थन देखकर सेना की बड़ी बौखलाहट होने की बात सामने आ रही है। प्रदर्शनकारीयों के साथ आम जनता में दहशत और ड़र का माहौल बढे, इसके लिए सेना ने अपनी कार्रवाई की तीव्रता अधिक बढ़ाई है।

myanmar-military-actionबीते कुछ दिनों से म्यांमार की सेना ने वांशिक गुटों पर भी हवाई हमले और अन्य कार्रवाई करना शुरू किया है। कार्रवाई का दायरा बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक से अधिक आक्रामक प्रतिक्रिया दर्ज़ होने लगी है और विशेषदूत ने दी हुई चेतावनी इसी का हिस्सा बनता है। म्यांमार के लिए नियुक्त विशेषदूत क्रिस्तीन श्रेनर बर्गनर ने सुरक्षा परिषद की बैठक में अंतरराष्ट्रीय समुदाय सहमति से निर्णय करे, यह माँग की है। म्यांमार की सेना की हिंसक कार्रवाईयों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजूट नहीं हुई तो इस देश में खून की नदियां बहती हुई दिखाई देंगी, ऐसा इशारा बर्गनर ने दिया।

म्यांमार की सेना ने प्रदर्शनों को रोकने के लिए देश की इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद की है। लेकिन, सेना की इस कार्रवाई पर प्रत्युत्तर देने के लिए प्रदर्शनकारियों ने अन्य रास्ते खोज़ निकाले हैं और रेडियो और अन्य सेवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। म्यांमार की प्रमुख लोकतांत्रिक नेता सैन स्यू की के खिलाफ पांचवा आरोपपत्र दाखिल किया गया है और इसमें गोपनीय कानून का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इससे पहले उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए हैं।myanmar-military-action

इसी बीच, ब्रिटेन ने म्यांमार पर नए प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। इसमें सेना से संबंधित उद्योगों को लक्ष्य किया गया है। मासूम बच्चे और नागरिकों की हत्या करके म्यांमार की सेना नीचता के नए स्तर पर जा पहुँची है, ऐसी आलोचना ब्रिटेन के विदेशमंत्री डॉमिनिक राब ने इस दौरान किया। ब्रिटेन ने प्रतिबंध लगाने से पहले अमरीका ने भी म्यांमार की सेना के खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे। इसी के साथ ब्रिटेन की ‘नेक्स्ट’ कंपनी ने म्यांमार से आयात बंद करने का ऐलान किया है।

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