चीन की दखलअंदाज़ी के विरोध में म्यांमार से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई

नेप्यितौ/बीजिंग – म्यांमार की लष्करी हुकूमत को चीन से प्राप्त हो रही सहायता एवं अन्य दखलअंदाज़ी के मुद्दे पर म्यांमार की जनता ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। चीन के वरिष्ठ अफसरों ने कुछ दिन पहले ही म्यांमार की लष्करी हुकूमत के साथ एक बैठक का आयोजन करके म्यांमार में किया गया चीन का निवेश और अन्य हितसंबंधों पर ध्यान देने के आदेश दिए थे। इस पर म्यांमार में जारी मौजूदा गतिविधियाँ अंदरुनि मामला होने का अहसास चीन को हो रहा है तो उनके म्यांमार में जारी प्रकल्प भी म्यांमार का अंदरुनि मामला ही हैं, इस बात का अहसास रखे, ऐसा इशारा सोशल मीडिया के माध्यम से दिया जा रहा है।

myanmar-chinaम्यांमार में बीते महीने में हुए विद्रोह के दौरान सेना ने जनतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटकर देश की सत्ता पर कब्ज़ा किया था। इस पर विश्‍वभर से प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई है, इसके बावजूद चीन ने यह म्यांमार का अंदरुनि मामला है और देश की स्थिरता अधिक अहम है, यह भूमिका अपनाई थी। बगावत से पहले चीन और म्यांमार के लष्करी अफसरों की मुलाकात भी ध्यान आकर्षित कर रही है। जापान के साथ कई प्रमुख देशों ने म्यांमार के लष्करी विद्रोह के पीछे चीन का हाथ होने का दावा करके इस क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए चीन गतिविधियां कर रहा है, ऐसा कहा था।

बीते एक महीने से अधिक समय से जारी म्यांमार के प्रदर्शनों में चीन के विरोध में दिखाई दे रहे झंड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं। इस पृष्ठभूमि पर सोशल मीडिया के ज़रिये म्यांमार की जनता ने खुलएआम विरोध करने को लेकर किया आवाहन ध्यान आकर्षित कर रहा है। म्यांमार औड़ चीन की इस बैठक के बाद चीन के विदेश विभाग के वरिष्ठ अफसर बाय तिआन ने रखी माँग से संबंधित निवेदन भी माध्यमों में प्रसिद्ध हुआ था।

myanmar-chinaइसमें चीन ने म्यांमार के लिए शुरू किया हुआ र्इंधन पाइपलाइन प्रकल्प और अन्य हितसंबंधों की सुरक्षा के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की गई थी। चीनी प्रकल्पों को झटका लगा तो म्यांमार में हो रहे अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए खतरा निर्माण होगा, साथ ही दोनों देशों के संबंध भी बिगड़ेंगे, ऐसा इशारा चीन ने दिया था। इस पर म्यांमार की जनता ने सोशल मीडिया पर तीव्र असंतोष व्यक्त किया है और लगभग १० लाख नागरिकों ने चीन के बयान का निषेध किया है।

‘म्यांमार में फिलहाल जो भी कुछ हो रहा है, वह म्यांमार की अंदरुनि बात होने का अहसास चीन की हुकूमत को है। इसमें सच्चाई है तो म्यांमार के करीबी चीन की इंधन वाहिनी का विस्फोट होना भी म्यांमार की अंदरुनि बात ही होगी, इसे ध्यान में रखें। इस पर आपकी राय क्या है, यह जानना पुख्ता पसंद होगा। म्यांमार की जनता के हाथों में फिलहाल खोने जैसा कुछ भी नहीं है। यदि, चीन ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में म्यांमार के लिए नकाराधिकार का इस्तेमाल किया तो म्यांमार की जनता भी इसका इस्तेमाल चीन के खिलाफ करेगी, इस पर ध्यान आकर्षित किया है। इसे ध्यान में रखे, ऐसी तीखी प्रतिक्रिया म्यांमार के सोशल मीडिया पर दर्ज़ की गई है।

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