ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी जागतिक विकास के लिए बाधा ठहरेगी – प्रधानमंत्री मोदी का ईंधन उत्पादकों को चेतावनी

नई दिल्ली – ईंधन के बढ़ते दामों से जागतिक विकास के लिए बाधा ठहरेगी, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री मोदी ने तेल उत्पादक देश एवं कंपनियों को दी है। तथा तेल उत्पादक देशों ने विकासशील देशों में निवेश बढ़ाने पर उसका बहुत बड़ा आर्थिक फायदा इन देशों को मिलेगा, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया है।ईंधन तेल के लगातार बढ़नेवाले कीमतों की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी ने तेल उत्पादक देशों के प्रतिनिधि और ४०तेल उत्पादक कंपनियों के सीईओ की भेंट लेकर चर्चा की है। इस बैठक में तेल के कीमत सुयोग्य स्तर तक नीचे लाने के लिए प्रयत्न किए जाए, ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय किया है।

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अमरिका ने ईरान पर जारी किए प्रतिबंध और तेल उत्पादक देशों में शुरू गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर ईंधन के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं।इसकी वजह से भारत में पिछले कई महीनों में इनके दामों में बड़ी बढ़ोतरी हो रही है। यह दाम नियंत्रित रहे इसके लिए तेल उत्पादक कंपनियां एवं संबंधित देशों से चर्चा करके मार्ग निकालने का प्रयत्न भारत ने शुरू किया है। इसके लिए दुनिया भर के ४०प्रमुख तेल उत्पादक कंपनियां एवं देशों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी इनके बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें आरमैको, रोजनेफ्ट ऐडनॉक, जैसे अग्रणी के ईंधनकंपनियों के सीईओ इस बैठक में शामिल हुए थे। सबसे बड़ा ईंधन निर्यातदार देश होने वाले सऊदी अरेबिया के ईंधनमंत्री खालिद अल अल-फलीहां यह भी इस बैठक में उपस्थित थे। तथा जागतिक बैंक इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी(आयईए) जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्था के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए थे।

कच्चे तेल के दामों ने पिछले ४वर्ष में उच्चतम स्तर प्राप्त किया है और इसका विपरीत परिणाम अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था पर हो रहा है। ईंधन के लिए अन्य देशों पर निर्भर होनेवाले भारत जैसे विकासशील देशों में इसकी वजह से महंगाई बढ़ रही है और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है। यह ध्यान में लेकर ईंधनउत्पादन का प्रमाण एवं दाम निश्चित करने चाहिए। तेल उत्पादक देश एवं ग्राहक देशों में सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है एवं यह सहयोग अधिक बढ़ना चाहिए, ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय किया है।

भारत में ईंधन उत्खनन में निवेश हो तथा विकसित देशों ने इस संदर्भ में तंत्रज्ञान का हस्तांतरण करें, ऐसा आवाहन भी उस समय प्रधानमंत्री ने किया है।

इसके सिवाय ईंधन उत्पादक कंपनियों को पेमेंट टर्म्स की समीक्षा करने की विनती भारत ने की है। जिसकी वजह से जिस देश के चलन के मूल्य गिर रहे हैं, उन्हें यह बात फायदेमंद होगी। डॉलर्स का विचार करते हुए ईंधन की कीमत में ५० फीसदीसे बढ़ रहे हैं। पर रुपयों के मूल्यों का विचार करते हुए ७० फीसदीसे बढ़त हो रही है, ऐसा उस समय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रेखांकित किया है।

ईंधन के दाम ज्यादा होने से ग्राहक देशों पर होने वाले परिणामों का अहसास प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय कराया है। उनका कहना कंपनिया और देशों के प्रतिनिधि ने सुयोग्यरूप से सुना है और ईंधन के दाम कम कैसे किए जाएं,इस दृष्टि से प्रयत्न करेंगे ऐसा सऊदी के ईंधनमंत्री ने कहा है।

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