आतंकवाद के विरोध में कार्रवाई करने के लिए भारत की सहायता हो – अमरिकन कांग्रेस सदस्य ने रखी मांग

वॉशिंगटन: जम्मूकश्मीर का इस्तेमाल करके भारत के विरोध में आतंकी हरकतें की जा रही है| ऐसी स्थिति में भारत को आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के लिए अमरिका को सहायता करनी ही होगी, ऐसा अमरिकी सांसद फ्रान्सिस रुनी ने कहा है| साथ ही चीन से भारत की अस्थिरता और सुरक्षा को चुनौती दी जा रही है, यह कहकर रुनी ने इस मोर्चे पर भी अमरिका ने भारत की सहयता करने की जरूरत होने का दावा भी किया|

अमरिका में नियुक्त भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रींगला के साथ फ्रान्सिस रुनी ने भारत की सुरक्षा को मिल रही चुनौतियां एवं भारतअमरिका द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की| इस दौरान जम्मूकश्मीर संबंधी भारत ने अपनाई भूमिका का रुनी ने समर्थन किया| अमरिकन कांग्रेस के सदस्य रुनी ने जम्मूकश्मीर का इस्तेमाल करके चरमपंथी भारत में विद्वेषी हरकतें कर रहे है, यह भी कहा है| इन चरमपंथियों से सीर्फ जम्मूकश्मीर में ही नही, बल्कि भारत को अन्य जगहों पर भी खतरा बन सकता है| ऐसी स्थिति में अमरिका ने भारत की पूरी सहायता करनी होगी, ऐसा रुनी ने कहा|

आक्रामक हुए चीन की वजह से भी भारत के लिए खतरा बना है| भारत के पडोसी देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर चीन इन देशों को अस्थिर कर रहा है| इससे भी भारत की सुरक्षा के लिए चुनौतियां प्राप्त हो रही है, यह कहकर रुनी ने चीन ने निगल लिए श्रीलंका के हंबंटोटा बंदरगाह का दाखिला दिया| भारत के पडोस में अस्थिर बना पाकिस्तान नामक परमाणु देश है| पाकिस्तान और चीन की वजह से भारत को अपनी सुरक्षा के लिए लगातार सावधानी बरतनी पड रही है| इस वजह से अमरिका ने भारत को सभी स्तरों पर सहायता करना जरूरी ही है, यह भूमिका फ्रान्सिस रुनी ने डटकर रखी है|

भारत और अमरिका के बीच व्यापार बढाने के लिए और भी तेजी से कोशिश करनी होगी, यह सुझाव भी रुनी ने रखा है| इस वजह से दोनों देशों के आर्थिक हितसंबंध एकदुसरे के साथ जुड जाएंगे और इनके बीच सहयोग बढेगा, यह रुनी का कहना है|

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