तुर्की नए ऑटोमन साम्राज्य स्थापित करने की तैयारी में है – सायप्रस के विदेशमंत्री की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र – ‘तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन खाड़ी क्षेत्र से पूर्वीय भूमध्य क्षेत्र तक के नए ऑटोमन साम्राज्य स्थापित करने की मंशा रखते हैं। इसके लिए उन्होंने गतिविधियाँ भी शुरू की हैं। इससे इस पूरे क्षेत्र की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। तुर्की की विदेश नीति का सिपाहीगिरी हुई है’, ऐसा इशारा सायप्रस के विदेशमंत्री निकोस क्रिस्तोडूलीडस्‌ ने दिया। बीते वर्ष तुर्की की शासक पार्टी के नेता ने स्वयं राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के ‘ग्रेटर तुर्की’ से संबंधित प्लैन सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया था।

cyprus-turkey-ottoman-1१४ वीं सदी से २० वीं सदी की शुरूआत तक आग्नेय यूरोप, उत्तर अफ्रिका से पश्‍चिमी एशिया तक ऑटोमन साम्राज्य फैला था। इस साम्राज्य का विस्तार मौजूदा दौर के इस्रायल, इजिप्ट को अपनी सीमा में शामिल करके सौदी अरब की दोनों सीमाओं तक हुआ था। पहले विश्‍वयुद्ध के दौरान जर्मनी के पक्ष में जंग में उतरे ऑटोमन साम्राज्य की इस विश्‍वयुद्ध में पराजय हुई थी और इस पराजय के बाद इसके टुकड़े टुकड़े हुए। इसके बाद मुस्ताफा अर्तातुर्क-केमाल पाशा ने वर्तमान आधुनिक तुर्की का निर्माण किया था।

यूरोप और खाड़ी क्षेत्र के देशों को जोड़नेवाले तुर्की ने दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद प्रगत विचारधारा का स्वीकार किया था। लेकिन, बीते दशक से राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने तुर्की की सत्ता प्राप्त करने के साथ ही ऑटोमन साम्राज्य की तरह तुर्की का विस्तार करने के सपने देखने का दावा किया जा रहा है। सायप्रस के विदेशमंत्री निकोस ने अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था से बातचीत करते हुए तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष की इस महत्वाकांक्षा पर ध्यान आकर्षित किया।

‘पड़ोसी देशों के साथ किसी भी तरह का विवाद ना करना ही तुर्की की पूर्व नीति थी। लेकिन, एर्दोगन की हुकूमत में तुर्की ने सभी पड़ोसी देशों के साथ सीमा का विवाद शुरू किया है। तुर्की को इस क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करना है और इसके लिए तुर्की नए ऑटोमन की नीति पर अमल कर रहा है’, ऐसी आलोचना विदेशमंत्री निकोस ने की। साम्राज्यवादी नीति अपना रही तुर्की से सिर्फ सायप्रस के लिए खतरा नहीं है, बल्कि इस्रायल समेत इजिप्ट, सीरिया, इराक, लीबिया और अन्य अरब देशों की सुरक्षा के लिए भी खतरा होने का इशारा सायप्रस के विदेशमंत्री निकोस ने दिया है।

cyprus-turkey-ottoman-2इसके लिए तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने हाल ही में किए गए ऐलान की याद भी विदेशमंत्री निकोस ने ताज़ा की है। सायप्रस से छीने गए उत्तर सायप्रस क्षेत्र में तुर्की ड्रोन अड्डे का निर्माण कर रहा है। राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन का इरादा इस ड्रोन अड्डे का इस्तेमाल इस्रायल, इजिप्ट एवं खाड़ी क्षेत्र के देशों पर नज़र रखने का है, ऐसा निकोस ने कहा। तुर्की के इस खतरे के खिलाफ सायप्रस आगे इस्रायल और इजिप्ट के पड़ोसी देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाएगा, यह जानकारी विदेशमंत्री निकोस ने साझा की।

सायप्रस के विदेशमंत्री ने लगाए इन आरोपों पर तुर्की ने अभी प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। लेकिन, इससे पहले भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की विस्तारवाद से संबंधित नीति पर लगाए गए आरोप तुर्की ने ठुकराए थे। बीते कुछ महीनों में इराक-सीरिया के कुर्द बहुल क्षेत्र में तुर्की की सेना की घुसपैठ कराके और लीबिया में चरमपंथियों को समर्थन प्रदान करके राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अपने इरादे स्पष्ट किए हैं।

इस दौरान, राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ११ वीं सदी की तरह ऑटोमन साम्राज्य का विस्तार करने की मंशा रखते हैं। इसके लिए एर्दोगन ने ग्रेटर तुर्की की योजना बनाई है, ऐसा शासक पार्टी के मेतिन कुलूंक ने बीते वर्ष कहा था। ११ वीं सदी में सेलिकस का साम्राज्य इराक के बगदाद से ग्रीस-बल्गेरिया तक फैला था। इसी पृष्ठभूमि पर सायप्रस के विदेशमंत्री का यह इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.