‘गगनशक्ति २०१८’ युद्धाभ्यास देश के शत्रुओं को झटका देने वाला – वायुसेना प्रमुख धनोआ

नई दिल्ली: पाकिस्तान की सीमा के पास भारत के वायुसेना ने किए ‘गगनशक्ति २०१८’ युद्धाभ्यास का वायुसेना प्रमुख बी. एस. धनोआ ने मुआइना किया। यह अभ्यास देश के शत्रु के लिए आकाश और धरती पर झटका देने वाला है, ऐसा कहकर वायुसेना प्रमुख धनोआ ने समाधान व्यक्त किया है।

इस युद्धाभ्यास के पिछले तीन दिनों में वायुसेना के विमानों ने ५००० से अधिक बार उड़ानें भरी हैं और इन विमानों ने अपना नियोजित लक्ष्य सटीक भेदा है।

१० अप्रैल से ‘गगनशक्ति २०१८’ की शुरुआत हुई थी। २३ अप्रैल तक यह युद्धाभ्यास होने वाला है। इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के हजार विमान और १५००० सैनिक शामिल हुए हैं। सन १९८७ में भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन ब्रासटैक्स’ का आयोजन किया था, सन २००१ में ‘ऑपरेशन पराक्रम’ पूरा हुआ था। उसी समय भारत की संसद पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान सीमा पर कमाल का तनाव निर्माण हुआ था। उसके बाद युद्ध सज्जता और विविध विभाग में समन्वय का मुआइना करने के लिए पहली बार इतने बड़े पैमाने पर वायुसेना का युद्धाभ्यास हो रहा है।

वैश्विक परिस्थिति तेजी से बदल रही है, साथ ही चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं पर तनाव निर्माण हो रहा है, ऐसे हो रहा यह युद्धाभ्यास महत्वपूर्ण है। इस दौरान वायुसेना के प्रत्येक विभाग की और वायुसेना के बेड़े के प्रत्येक विमान और हथियारों की क्षमता जाँची जा रही है। इस वजह से पाकिस्तान और चीन इन दोनों देशों की नजर इस अभ्यास पर टिकी है।

वायुसेना प्रमुख धनोआ ने इस अभ्यास का मुआइना किया है। भारतीय वायुसेना ने देश के शत्रुओं के लिए आकाश और धरती दोनों को झटका दिया है, ऐसा प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है। ऐसा वायुसेना प्रमुख ने इस समय कहा है। ‘शेकिंग द हेवन एंड स्प्लिटिंग द अर्थ’ इन शब्दों का प्रयोग धनोआ ने किया है। अमरिकी अभ्यास समूह ‘रँड कॉर्पोरेशन’ ने सन २०११ में इन शब्दों का इस्तेमाल चीन की वायुसेना की क्षमता बताने के लिए अपनी रिपोर्ट में किया था। इस पृष्ठभूमि पर धनोआ ने इन्हीं शब्दों का प्रयोग भारतीय वायुसेना का सामर्थ्य प्रदर्शित करने के लिए सन्देश दिया है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि, ‘गगनशक्ति २०१८’ युद्धाभ्यास दो पड़ावों में आयोजित किया गया है और पाकिस्तान की सीमा के पास पूरा हुआ युद्धाभ्यास यह इसका पहला पड़ाव है। मंगलवार से इस अभ्यास का दूसरा पड़ाव चीन की सीमा के पास होगा। इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के साथ भारतीय लष्कर और नौसेना के लड़ाकू विमान भी शामिल होने वाले हैं।

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