‘मेक इन इंडिया‘ को स्वीडन की सहायता – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

स्टॉकहोम: भारत के प्रधानमंत्री स्वीडन के दौरे पर हैं। स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ द्विपक्षीय चर्चा करने के बाद संयुक्त पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के संबंध के महत्व को अधोरेखित किया है। ‘मेक इन इंडिया’ को स्वीडन मदद कर रहा है, ऐसा मोदी ने कहा है। साथ ही स्वीडन में होने वाले इंडिया, नॉर्डिक परिषद के लिए आए नॉर्डिक देशों के राष्ट्रप्रमुखों के साथ भी प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की है।

मेक इन इंडिया

सन १९८८ में भारत के तात्कालिक प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने स्वीडन का दौरा किया था। उसके बाद इस देश का दूर करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस बात की तरफ ध्यान आकर्षित करके, अपना यह दौरा कई कारणों की वजह से ऐतिहासिक साबित हो रहा है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है। भारत सरकार ने हाथों में लिए ‘मेक इन इंडिया’ उपक्रम के लिए स्वीडन भरपूर सहायता कर रहा है। इसका प्रमाण प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री लोफवेन के साथ हुई संयुक्त पत्रकार परिषद में दिया। साथ ही पुनर्चक्रण की जाने वाली ऊर्जा, शहरी परिवहन, व्यापार और निवेश ऐसे कई क्षेत्रों में भारत और स्वीडन एकदूसरे की मदद कर रहे हैं, इस बात की तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान आकर्षित किया है।

इसीके साथ ही भारत और स्वीडन ने रक्षा और सुरक्षा विषयक सहकार्य दृढ करने का निर्णय लिया है। इसमें रक्षा सामग्री का निर्माण और साइबर सुरक्षा के लिए एकजुट होकर कोशिश करने के निर्णय का समावेश है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है। स्वीडन के प्रधानमंत्री ने भारत सरकार ने संशोधन को विशेष महत्व देकर उसके द्वारा प्रगति और समृद्धि के लिए शुरू की कोशिशों की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री लोफवेन के बीच पूरी हुई द्विपक्षीय चर्चा में दोनों देशों के संबंध के साथ साथ क्षेत्रीय मुद्दों का समावेश होने की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताफ सोलहवे से मुलाकात करके उनके साथ द्विपक्षीय चर्चा की। नॉर्डिक देशों के राष्ट्रप्रमुखों के साथ भी प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा की है।

स्वीडन के दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटन पहुंचेंगे। इस दौरे के लिए ब्रिटन में चल रही तैयारी की जानकारी मीडिया में प्रसिद्ध हुई है और ब्रिटन राजशिष्टाचार को अलग रखकर प्रधानमंत्री मोदी का जंगी स्वागत करने की तैयारी कर रहा है, ऐसा दावा किया जा रहा है। ब्रिटन में स्थित भारत के विद्यमान-भूतपूर्व राजनीतिक अधिकारी इस मौके पर ब्रिटन भारत की तरफ से कर रही अपेक्षाओं को सामने ला रहे हैं। राष्ट्रकुल का सदस्य देश भारत आने वाले समय में अपनी भूमिका अधिक व्यापक करे, ऐसा ब्रिटन को लग रहा है, यह वक्तव्य ब्रिटन स्थित उप उच्चायुक्त दिनेश पटनाईक ने हाल ही में किया था।

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