बांग्लादेश के बंदरगाहों के ज़रिये पूर्वोत्तर राज्यों में माल ढुलवाई – मालवाहक जहाज कोलकाता से रवाना हुआ

कोलकाता – कोलकाता से समुद्री मार्ग से बांग्लादेश में चितगोंग के बंदरगाह तक और फिर वहाँ से अगरतला तक, पूर्वोत्तर भारत के लिए आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के लिए एक नया मार्ग खोला गया है। केंद्रीय नौकानयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने, कोलकाता से चितगोंग बंदर के लिए पहले कंटेनर जहाज को अगरतला जाने के लिए हरी झंड़ी दिखाई।  लगभग ५५ वर्षों के बाद, पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश के बंदरगाह का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। ‘यह एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि पूर्वोत्तर भारतीय राज्य समुद्री मार्ग से बांग्लादेश के बंदरगाहों के माध्यम से जुड़े हुए हैं’, ऐसा मांडविया ने कहा।

मालवाहक जहाज

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में मालढुलवाई के लिए बांग्लादेशी बंदरगाहों के उपयोग की अनुमति सन २०१७ में बांग्लादेश ने दी थी। अक्तूबर २०१९ में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान इस विषय में समझौता हुआ था। तदनुसार, बांग्लादेश के चितगोंग और मोगला बंदरगाहों के ज़रिये पूर्वोत्तर राज्यों में मालढुलवाई करने का निर्णय हुआ। इसके तहत, कोलकाता से बांग्लादेश के चितगोंग बंदरगाह के लिए पहला ट्रायल कंटेनर जहाज़ रवाना हुआ। हालाँकि कंटेनर जहाज को ट्रायल के तौर पर भेजा गया है, लेकिन जल्द ही इस समुद्री मार्ग से पूर्वोत्तर भारत में अत्यावश्यक चीज़ों की सप्लाई शुरू हो जाएगी।

मालवाहक जहाज

इससे पहले, पश्चिम बंगाल से अगरतला पहुँचने में लंबा समय लग जाता था। लेकिन बांग्लादेश तक समुद्री मार्ग शुरू होने से, लगभग आधा समय बच जायेगा। माल को चितगोंग बंदरगाह पर उतारा जाएगा और वहाँ से बांग्लादेश के ट्रकों में पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला भेजा जाएगा।

इस मार्ग ने भारत और बांग्लादेश को नये अवसर प्रदान किए। यह एक वैकल्पिक और समय बचाने वाला मार्ग है। इससे बांग्लादेश के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्य जुड़ जायेंगे, ऐसा मांडविया ने कहा। साथ ही, इस मार्ग से भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग और भी मज़बूत होगा। इससे रोज़गार के अवसर, निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, यह भरोसा मांडविया ने व्यक्त किया|

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