भारत के विदेश सचिव नेपाल यात्रा पर

काठमांडू – भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला नेपाल की यात्रा पर रवाना हुए हैं और गुरूवार के दिन उन्होंने नेपाल के विदेश सचिव भरत राज पौड़ियाल से भेंट की। इस दौरान दोनों देशों की एक-दूसरे का सहयोग अधिक मज़बूत करने पर सहमति हुई है। बीते कुछ महीनों में भारत-नेपाल संबंधों में तनाव निर्माण हुआ था। नेपाल के प्रधानमंत्री ने चीन समर्थक नीति अपनाकर भारत के हितों को नुकसान पहुँचानेवाले किए निर्णय इसके लिए ज़िम्मेदार थे। लेकिन, नेपाल का स्वर अब बदल रहा है और नेपाल पर बढ़ा हुआ चीन का प्रभाव कम करने में सफलता प्राप्त हो रही है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। इस पृष्ठभूमि पर भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की नेपाल यात्रा को अहमियत प्राप्त हुई है।

india-nepalनेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने कुछ महीने पहले भारतीय क्षेत्र पर दावा करके नेपाल का नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था। इस नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख, लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था। इस पर भारत ने तीव्र आपत्ति जताकर नेपाल का दावा ठुकराया था। साथ ही नेपाल यदि भारत के साथ चर्चा करना चाहता हो तो नेपाल को इसके लिए आवश्‍यक माहौल बनाना होगा, यह स्पष्ट इशारा भी भारत ने दिया था।

चीन समर्थक नीति अपना रहे के.पी.शर्मा ओली ने इसके बाद भी भारत के हितों को नुकसान पहुँचानेवाले निर्णय करने का सिलसिला जारी रखा था। इसमें नेपाल के सीटीज़नशीप कानून में बदलाव करने के साथ ही संसद में हिंदी भाषा का विरोध किया गया था। भारत-नेपाल सीमा पर सैनिकों की संख्या और सीमा चौकियों में बढ़ोतरी करके बिहार की सीमा पर भारतीय नागरिकों को लक्ष्य करने के लिए की हुई गोलीबारी से इन संबंधों में अधिक तनाव निर्माण हुआ था। लेकिन, चीन ने नेपाल की ज़मीन पर कब्जा करने की बात स्पष्ट होने पर ओली सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था। चीन को नज़रअंदाज़ करनेवाले प्रधानमंत्री ओली की नीति पर विपक्ष के साथ जनता ने भी आलोचना करने पर नए नक्शे का समावेश होनेवाले शालेय किताबों का वितरण रोककर ओली सरकार ने पहली बार भारत के साथ संबंध सुधारने के संकेत दिए थे। साथ ही भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को नेपाल ने मानद जनरल पद प्रदान करके सम्मानित किया।

इससे पहले भारत के गुप्तचर संगठन ‘रॉ’ के प्रमुख ने भी नेपाल पहुँचकर प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली से भेंट की थी। साथ ही जनरल नरवणे की नेपाल यात्रा के दौरान भारत के साथ रहे पुरातन संबंधों का दाखिला देकर दोनों देश किसी भी विवाद का हल चर्चा के माध्यम से निकालेंगे, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ओली ने व्यक्त किया था।

इस पृष्ठभूमि पर भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला नेपाल की दो दिन की यात्रा के लिए रवाना हुए हैं। नेपाल की नीति पर चीन का बढ़ा हुआ प्रभाव कम करने में भारत को सफलता प्राप्त हो रही है, इस नज़रिये से भी उनकी इस यात्रा की ओर देखा जा रहा है। ‘हमें पहले ही नेपाल की यात्रा करनी थी, लेकिन कोरोना की वजह से यह संभव नहीं हुआ। बतौर विदेश सचिव यह हमारी पहली नेपाल यात्रा है। दोनों देशों के संबंध मजबूत हैं और इसे अधिक मजबूत करने की कोशिश हो रही है’, यह बयान विदेश सचिव श्रृंगला ने किया है।

विदेश सचिव श्रृंगला ने नेपाल के प्रधानमंत्री ओली और विदेशमत्री प्रदिप ग्यावली से भेंट करके चर्चा की। लेकिन, इस चर्चा का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं हुआ है। इसी बीच वर्ष २०१५ में हुए जलजले के दौरान तबाह हुए काठमांडू के तीन स्कूलों का भारत ने पुनर्निर्माण किया है और इन स्कूलों की इमारतों का उद्घाटन भी शुक्रवार के दिन होगा। नेपाल में हुए भूकंप के बाद भारत ने गोरखा समुदाय के लिए ५० हज़ार घरों का निर्माण शुरू किया है और इनमें से ४० हज़ार घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.