अफ़गानिस्तान में स्थित विदेशी रक्षा ठिकाने विशेष आर्थिक क्षेत्र में तब्दील होंगे – तालिबान का ऐलान

काबुल – अफ़गानिस्तान में स्थित विदेशी रक्षा ठिकानों को विशेष आर्थिक क्षेत्र में तब्दील करने का निर्णय तालिबानी हुकूमत ने लिया है। अफ़गानिस्तान के वाणिज्य विभाग के अस्थायि मंत्री और उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल घनी बरादर ने यह ऐलान किया। अफ़गानिस्तान पिछले डेढ़ साल से आर्थिक और मानवीय संकट का मुकाबला कर रहा है और आर्थिक सहायता पाने की कड़ी कोशिश कर रहा है। पिछले महीने तालिबान ने ईंधन खनन के लिए चीन के साथ लंबे समय के समझौते पर हस्ताक्षर भी किए थे। इसके बाद अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र से संबंधित यह निर्णय किया दिख रहा है।

‘करीबी दिनों में अफ़गानिस्तान में स्थित विदेशी रक्षा ठिकानों का कब्ज़ा उद्योग और व्यापार मंत्रालय को सौंपने का निर्णय हुआ है। इन ठिकनों को विशेष आर्थिक क्षेत्र में तब्दील करने की योजना है। शुरू में राजधानी काबुल और उत्तरी ओर के बाल्ख प्रांत के ठिकानों में बदलाव करने की प्राथमिकता होगी’, ऐसा वाणिज्य विभाग के अस्थायि मंत्री और उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल घनी बरादर ने घोषित किया।

अक्तुबर २०२१ में तालिबान ने अफ़गानिस्तान की सत्ता हथियाई। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तालिबानी हुकूमत पर बड़े प्रतिबंध लगाए हैं। अफ़गानिस्तान सरकार का विदेशी बैंकों में जमा निधि भी कुर्क किया गया है। इसकी वजह से कारोबार करने के लिए तालिबान विभिन्न स्तरों पर कोशिश कर रही है। विदेशी रपट के अनुसार अफ़गानिस्तान में तकरीबन एक ट्रिलियन डॉलर्स के खनिज मौजूद हैं। इसी के बलबूते पर अफ़गानिस्तान की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए तालिबानी हुकूमत ने विभिन्न देशों से बातचीत शुरू की है।

पिछले महीने ही अफ़गानिस्तान ने चीन के साथ ईंधन खनन करने के लिए समझौता भी किया था। उत्तरी अफ़गानिस्तान के ‘अमु दरिया बेसिन’ क्षेत्र से चीनी कंपनी खनिज तेल का खनन करेगी। इसके अलावा चीन पूर्व अफ़गानिस्तान में तांबे की खदानों पर कब्ज़ा करने की कोशिश में भी लगा हुआ है। ऐसे अन्य समझौतों को भी गति मिले, इस इरादे से तालिबानी हुकूमत ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों की योजना सामने लायी है, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है।

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