‘वुहान लैब’ की आर्थिक सहायता बंद करने के ट्रम्प के आदेश का फॉसी ने विरोध किया था – नई किताब में दावा

वॉशिंग्टन – अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन की ‘वुहान लैब’ की आर्थिक सहायता रोकने के लिए जारी किए गए आदेश का सलाहकार एंथनी फॉसी ने विरोध किया था। अमरिकी पत्रकार की लिखी किताब से यह जानकारी सामने आयी है। इस जानकारी की वजह से एंथनी फॉसी कोरोना वायरस की जड़ वाली ‘वुहान लैब’ को बचाने की कोशिश कर रहे थे, इन आरोपों को नया बल प्राप्त हुआ है। इस मुद्दे पर माध्यमों ने उठाए हुए सवालों के जवाब देना फॉसी ने टालने की बात भी सामने आ रही है।

वर्ष २०१९ में चीन से फैली कोरोना की महामारी की जड़ें वुहान में होने का ज़िक्र सबसे पहले अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया था। बीते वर्ष ट्रम्प प्रशासन को कोरोना वायरस के संक्रमण में ‘वुहान इन्स्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ का संबंध होने की जानकारी प्राप्त हुई ती। यह जानकारी प्राप्त होने के बाद ट्रम्प ने ‘नैशनल इन्स्टिट्यूटस्‌ ऑफ हेल्थ’ को ‘वुहान लैब’ को प्रदान हो रहा निधी तुरंत रोकने के आदेश दिए थे।

लेकिन, सलाहकार फॉसी और ‘नैशनल इन्स्टिट्यूटस्‌ ऑफ हेल्थ’ ने ट्रम्प के आदेश का विरोध किया था, यह जानकारी नई किताब में साझा की गई है। ‘वॉशिंग्टन पोस्ट’ के पत्रकार यास्मिन अबुतलेब और डैमिअन पैलेटा ने लिखी ‘नाईटमेअर सिनॅरिओ इनसाईड द ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन्स रिस्पॉन्स टू द पैन्डेमिक दैट चेंज्ड़ हिस्ट्री’ नामक किताब २९ जून के दिन प्रकाशित हो रही है। फॉसी ने शुरू में किए विरोध के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने आखिरी इशारा दिया था। इसमें आदेश का पालन ना करने पर इस्तिफा देना पड़ेगा, यह इशारा दिया गया था, ऐसा दावा इस किताब में किया गया है। 

अमरीका के मौजूदा राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के सलाहकार के तौर पर काम कर रहे फॉसी ने कोरोना वायरस के मुद्दे पर लगातार उल्टे-पुल्टे और गुमराह करनेवाले बयान किए थे, यह आरोप उनके खिलाफ लगाया जा रहा है। इसी बीच फॉसी ने ‘वुहान लैब लीक थिअरी’ से इन्कार किया था और यह संक्रमण सीफूड मार्केट से फैलने का दावा उन्होंने किया होने की बात सामने आयी थी। इसके पीछे फॉसी और वुहान लैब के बीच के कथित संबंध ज़िम्मेदार होने की बात समझी जा रही है। नई किताब में किए गए दावे इसे अधिक बल प्रदान करनेवाले साबित हो रहे है।

इसी बीच, अमरीका की पूर्व विदेशमंत्री हिलरी क्लिंटन ने वर्ष २००९ में वुहान की ‘इन्स्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ जैविक हथियारों के निर्माण से जुड़ी हो सकती है, इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया था, यह वृत्त भी सामने आया है। ‘विकीलीक्स’ नामक गुट द्वारा सार्वजनिक किए गए गोपनीय संदेशों से यह जानकारी सामने आयी है। वर्ष २००९ में ‘ऑस्ट्रेलिया ग्रूप’ नामक गुट की एक बैठक होनेवाली थी। उससे पहले भेजे गए एक नोट में क्लिंटन ने बीजिंग एवं वुहान लैब एवं चीन द्वारा जैविक हथियारों के निर्माण संबंधी जारी गतिविधियों के मुद्दे का ज़िक्र करने की बात भी सामने आयी हैं।

कोरोना वायरस के उद्गम के मुद्दे पर चीन को घेरनेवाली नई जानकारी सामने आयी है। ब्रिटेन की ‘युनिवर्सिटी ऑफ केंट’ के वैज्ञानिकों ने जारी किए एक लेख में यह दावा किया गया था कि, कोरोना की महामारी का फैलाव अक्तुबर २०१९ में ही शुरू हुआ था। अधिकृत स्तर पर चीन ने दिसंबर २०१९ में वुहान में कोरोना के संक्रमित सामने आने की जानकारी प्रदान की थी। लेकिन, उससे पहले ही चीन में कोरोना के संक्रमित सामने आने लगे थे, ऐसा ‘युनिवर्सिटी ऑफ केंट’ के वैज्ञानिकों ने कहा है। दो दिन पहले ही अमरीका के वैज्ञानिकों ने यह जानकारी सार्वजनिक की थी कि, चीन के वैज्ञानिकों के गुट ने कोरोना संक्रमितों की अहम जानकारी ‘डिलीट’ की है।

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