कनाडा में नई ‘अनमार्कड् चिल्ड्रन मास ग्रेव्ह’ की खोज

ओटावा – अमरीका की सीमा से सटकर होनेवाले कनाडा के सस्कॅचवान प्रांत में, स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की एक और सामूहिक कब्र पाई गई है। यह कब्र ‘अनमार्कड् चिल्ड्रन मास ग्रेव्ह’ यानी किसी भी प्रकार का ठोस रिकॉर्ड ना होनेवाली जगह होने की जानकारी स्थानीय यंत्रणाओं ने दी। महज महीने भर की कालावधि में बच्चों की ‘मास ग्रेव्ह’ पाई जाने की कनाडा में यह दूसरी घटना है। नई घटना के बाद, कनाडा के मूल निवासी (इंडिजिनिअस) जनजातियों को जो यातनाएँ सहनी पड़ीं, उसकी पूरी जिम्मेदारी बतौर एक देश कैनेडा को स्वीकार नहीं पड़ेगी, ऐसी प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री जस्टिन ट्य्रुड्यू ने दी है।

कनाडा के सस्कॅचवान प्रांत के ‘द मेरिव्हल इंडियन रेसिडेन्शिअल स्कूल’ के नजदीक ‘अनमार्कड् चिल्ड्रन मास ग्रेव्ह’ पाई गई है। स्कूल के पास की इस सामूहिक कब्र में लगभग ७५१ शवों का समावेश है । ये सब बच्चें कनाडा के मूल निवासी अथवा आदिवासी (इंडिजिनिअस कम्युनिटी) के रूप में जानी जानेवालीं जनजातियों से हैं। यह कब्र ‘इंडिजिनिअस कम्युनिटी’ के बच्चों के इतिहास से जुड़ी सबसे बड़ी और अहम खोज साबित होती है, ऐसी जानकारी स्थानीय प्रशासन ने दी।

१९वीं और २०वीं सदी में कनाडा में ईसाई धर्मियों के गुट द्वारा बड़े पैमाने पर ‘रेसिडेन्शिअल स्कूल्स’ का निर्माण किया गया था। इनमें से १३० स्कूलों को कनाडा सरकार द्वारा वित्तसहायता प्रदान की गई थी। ‘द मेरिव्हल इंडियन रेसिडेन्शिअल स्कूल’ उन्हीं में से एक होने की बात सामने आई है। मई महीने में कनाडा के ब्रिटीश कोलंबिया प्रांत के कॅमलूप्स शहर के एक ‘रेसिडेन्शिअल स्कूल’ के पास बच्चों की सामूहिक कब्र पाई गई थी। उसके बाद सस्कॅचवान प्रांत की यंत्रणाओं ने आधुनिक तंत्रज्ञान की सहायता से खोजमुहिम हाथ में ली थी।

प्रधानमंत्री ट्य्रुड्यू ने, सस्कॅचवान प्रांत की घटना के बारे में तीव्र शोक ज़ाहिर किया है। ‘यह घटना यानी कनाडा के मूल निवासियों को सहने पड़े वंशविद्वेष, भेदभाव और अन्याय की शर्मनाक स्मृति है। इस भयंकर इतिहास का एहसास रखना यह कनाडा की जनता की ज़िम्मेदारी का भाग है’, ऐसा प्रधानमंत्री ट्य्रुड्यू ने कहा। कनाडा के विपक्षियों ने, प्रधानमंत्री केवल शाब्दिक मरहमपट्टी कर रहे होकर, उनकी संवेदनाएँ कृति से नहीं दिख दिखतीं, ऐसा आरोप किया है।

स्कूलों में घटित घटनाओं की जाँच करने के लिए ‘ट्रुथ अ‍ॅण्ड रिकौन्सिलेशन कमिशन’ की स्थापना की गई थी। इस आयोग ने, स्कूलों में घटित ये वाकये यानी सांस्कृतिक वंशसंहार (कल्चरल जिनोसाईड) का भाग होने का दोषारोपण किया था। सन २००८ में तत्कालीन कनाडा सरकार ने ‘फर्स्ट नेशन्स’ जनजातियों के विरोध में अपनाईं गईं नीतियों को लेकर सार्वजनिक रूप में माफी माँगी थी। उसके बाद कनाडा सरकार ने लापता बच्चों की खोज करने के लिए और इन जनजातियों को समा लेने के लिए विशेष मुहिम भी हाथ में ली थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.