काँगो में एबोला के महामारी से ४४ लोगों की जान गई, डेढ़ हजार से अधिक लोगों को बाधा – जागतिक आरोग्य संघटना का दावा

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जिनीवा/किंशासा – केवल तीन महीनों पहले ३३ लोगों की जान लेनेवाले एबोला ने काँगो को फिर से एक बार झटका दिया है। पिछले हफ्ते में काँगो में फिर एक बार एबोला के महामारी का फैलाव हुआ और उसमें ४४ लोगों की जान गई है। काँगो में लगभग डेढ़ हजार लोगों को एबोला की बाधा हुई है, और यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका जागतिक आरोग्य संघटना ने व्यक्त की है। पिछले चार दशकों में काँगो में लगभग १० बार एबोला के भयानक महामारी ने हमला किया है।

काँगो के पूर्वी भाग में देनी प्रांत में एबोला की महामारी होने की बात १ अगस्त के दिन उजागर हुई है। यह प्रांत युगांडा देश के सीमा से जुड़ा हुआ है और इस क्षेत्र में जोरदार संघर्ष शुरू है। काँगो तथा अन्य देशों के यंत्रणा ने दी जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र में अलाइड डिफेंस फोर्सेज के साथ लगभग १०० सशस्त्र बागियों का गट सक्रिय है। इन गटो में लगातार शुरू संघर्ष की वजह से एबोला की महामारी यकीनन जानना असंभव बनता जा रहा है, ऐसी चेतावनी जागतिक आरोग्य संघटना एवं सहयोगी संस्थाओं से दी जा रही है।

अब तक हाथ लगे आंकड़ों के अनुसार काँगो में आए एबोला की महामारी में ४४ लोगों की जान गई है और उसमें एक परिवार के ६ सदस्यों का समावेश है। बली जाने वाले लोगों में एबोला के विरोध में शुरू मुहिम में शामिल हुए कई आरोग्य स्वयंसेवक का समावेश होने की बात कही जा रही है। १ अगस्त के बाद काँगो के ईशान्य विभाग में ७८ लोगों को एबोला की बाधा होने की नोंद हुई है। पर जागतिक आरोग्य संघटना ने लगभग डेढ़ हजार लोग एबोला विषाणु के संपर्क में आने की चेतावनी दे रहे हैं।

एबोला की बाधा होने के बाद अमरिका में विकसित किए गए एमएबी-११४ इस प्रायोगिक स्थिति में रहे औषधि द्वारा उपचार शुरू किए गए हैं। अब तक लगभग ५ रोगियों को यह दवाई देने की बात कही जा रही है।

इससे पहले सन २०१४ से २०१६ इस कालखंड में अफ्रीका में बहुत बड़ी तादाद में एबोला की महामारी का झटका लगा था। इसमें जीनिया, सिएरा, लियोन, लाइबेरिया, नाइजीरिया, माली और सेनेगल इन देशों में ११ हजार से अधिक नागरिकों की जान गई थी। इस महामारी में अफ्रीका में काम कर रहे कई विदेशी आरोग्य कर्मचारियों ने भी जान गवांई है। जागतिक आरोग्य संघटना ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इमरजेंसी घोषित करनी पड़ेगी ऐसे स्वरूप की कई बड़े रोगों की महामारी की सूची घोषित की थी। इस सूची में एबोला का समावेश है।

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