रक्षा सामान का देश में निर्माण गो गति प्रदान करेंगे – रक्षा मंत्रालय का ऐलान

नई दिल्ली – हथियार और रक्षा सामान के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना मुमकिन नहीं होगा, यह सबक यूक्रैन युद्ध ने भारत को दी हैं, ऐसा बयान भारत के पूर्व सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे ने किया था। नए सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भी हथियार और रक्षा सामान का निर्माण करने के लिए देश में सबसे अधिक प्राथमिकता देने का ऐलान किया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी माझगांव डॉक में युद्धपोत के जलावतरण समारोह में बोलते समय रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता की अहमियत रेखांकित की थी।

रक्षा मंत्रालय के सचिव अजय कुमार ने ‘श्रीजन पोर्टल’ शुरू करने का ऐलान किया। यह पोर्टल ‘डैश बोर्ड’ की तरह काम करेगा। इस पोर्टल से हथियार और रक्षा सामान का देश में निर्माण करने के क्षेत्र मे शुरू सभी गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होगी। यह पारदर्शी जानकारी हथियार और रक्षा सामान से संबंधित सरकारी कंपनियों का प्रदर्शन इस पोर्टल के ज़रिये परखा जा सकेगा। खास तौर पर इन्हें प्राप्त होनेवाले ऑर्डर्स और इसकी पुरी जानकारी इस पोर्टल पर रहेगी, ऐसा अजय कुमार ने कहा।

फिलहाल यह पोर्टल रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों के लिए इस्तेमाल होगा। लेकिन, जल्द ही इस क्षेत्र से संबंधित देश की नीजि कंपनियों के लिए भी इस पोर्टल को देखने का अवसर मिलेगा। इस वजह से प्राप्त जानकारी से अपने लिए उपलब्ध अवसरों का ज्ञान इन कंपनियों को होगा। इससे नीजि क्षेत्र की कंपनियाँ रक्षा सामान का देश में निर्माण करने में अधिक बेहतर योगदान दे सकेगी, यह विश्वास रक्षा मंत्रालय ने अपने निवेदन में व्यक्त किया हैं।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने ही १०० रक्षा सामान की सुचि घोषित करके इसके आयात पर पाबंदी घोषित की थी। इस वजह से देश में रक्षा सामान के निर्माण को गति प्राप्त होगी, यह विश्वास रक्षामंत्री ने व्यक्त किया था। ऐसें में अगले पांच सालों के दौरान रक्षा मंत्रालय द्वारा देश के उद्योगक्षेत्र को करीबन दो लाख दस हज़ार करोड़ रुपयों के ऑर्डर्स प्रदान होंगे, यह ऐलान रक्षा मंत्रालय ने किया था। इससे रक्षाक्षेत्र को काफी बड़ा लाभ प्राप्त होगा। रक्षा सामान का सबसे बड़ा आयातक देश के तौर पर बनी पहचान मिटाकर भारत अब रक्षा सामान के निर्माण और निर्यात करनेवाला देश बनकर उभरेगा, यह विश्वास इस वजह से जताया जा रहा हैं।

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