चीन को आर्थिक सहायता प्रदान ना करें – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिया वैश्‍विक बैंक को इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन के हाथ में काफी पैसा है और ना हो तो भी वह इसका निर्माण कर सकते है| पर, किसी भी स्थिति में चीन को कर्जा प्रदान ना करें, यह कडी चेतावनी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने वैश्‍विक बैंक को दी है| कुछ दिन पहले ही वैश्‍विक बैंक ने चीन को अरबों डॉलर्स का कर्जा प्रदान करने का निर्णय किया था| इस निर्णय के विरोध में ट्रम्प काफी गुस्सा हुए है और वैश्‍विक बैंक को निर्णय में बदलाव करने का इशारा दिया है|

गुरूवार के दिन वैश्‍विक बैक की बैठक में चीन को एक से डेढ अरब डॉलर्स कर्ज देने का निर्णय किया गया| यह कर्जा काफी कम ब्याज दरों से प्रदान हो रहा है और वर्ष २०२५ तक यह कर्जा चीन को प्रदान होगा, यह बात वैश्‍विक बैंक ने कही है| वैश्‍विक बैंक ने पिछले दो वर्षों में चीन को पहली बार २.४ अरब डॉलर्स और दुसरी बार १.३ अरब डॉलर्स का कर्जा प्रदान किया है|

वैश्‍विक बैंक ने चीन को प्रदान किए कर्ज पर अमरिका ने कडी आपत्ति दर्ज की है| अमरिका के वित्तमंत्री स्टिव्हन एम्नुकिन ने भी अमरिकी सरकार वैश्‍विक बैक के निर्णय का विरोध करेगी, यह दावा संसद में हुई सुनवाई के दौरान किया| फिलहाल वैश्‍विक बैंक के प्रमुख डेव्हिड माल्पास ने भी अमरिकी प्रशासन में अधिकारी होते समय चीन को आर्थिक सहायता प्रदान करने के विरोध में भूमिका रखी थी|

वर्ष २०१८ से अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन के विरोध में?आक्रामकता के साथ व्यापारयुद्ध शुरू किया है और बडी तादात में प्रतिबंध भी लगाए है| इसके अलावा चलन, निवेष एवं तकनीकी क्षेत्र में चीन के बढते प्रभाव के विरोध में भी ट्रम्प ने कार्रवाई शुरू की है| इस पृष्ठभूमि पर वैश्‍विक बैंक से प्रदान हो रहे कर्ज का मुद्दा अहम साबित हुआ है|

ट्रम्प ने अपने बयान में वैश्‍विक बैंक चीन को कर्ज क्यो प्रदान कर रही है, यही सवाल किया है| चीन के हाथ में काफी पैसा होते हुए यह मुमकिन नही हो सकता, इन शब्दों में उन्होंने वैश्‍विक बैंक के निर्णय को लक्ष्य किया| साथ ही कर्ज प्रदान करने का निर्णय तुरंत ही पीछे ले, यह चेतावनी भी उन्होंने दी है|

चीन यह दुनिया में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार रखनेवाला देश है| हाल ही में प्रसिद्ध हुए आंकडों के अनुसार चीन के भंडार में ३.०९६ ट्रिलियन डॉलर्स इतनी बडी तादात में विदेशी मुद्रा जमा है| चीन इस नीधि का इस्तेमाल करके दुनिया के अन्य देशों को कर्ज के फंदे में फंसा रहा है, यह आरोप भी हो रहे है और इसपर पश्‍चिमी देशों ने कडी प्रतिक्रिया दर्ज की है| चीन अपने आर्थिक बल का इस्तेमाल करके अमरिका के वर्चस्व को भी चुनौती दे रहा है और महासत्ता होने की कडी कोशिश कर रहा है| इसके लिए चीन ने रक्षा क्षेत्र समेत ईंधन, सोना औड़ तकनीकी क्षेत्र में काफी मात्रा में निवेष किया है|

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