भारत-यूएई व्यापार में रुपया और दिरहम का इस्तेमाल करने पर हो रही है चर्चा – व्यापार मंत्री पियूष गोयल

नई दिल्ली – भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कारोबार में रुपया और दिरहम का इस्तेमाल करने की तैयारी जुटाई है। रिज़र्व बैंक और यूएई सेंट्रल बैंक इसपर चर्चा कर रहे हैं, यह जानकारी केंद्रिय व्यापार और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने प्रदान की।  प्रमुख ईंधन निर्यातक यूएई के साथ भारत यदि रुपया-दिरहम कारोबार करते हैं तो दोनों देशों को इससे बड़ा लाभ प्राप्त होगा। इस वजह से खाड़ी क्षेत्र के आर्थिक और रणनीतिक स्तर पर भारत का प्रभाव प्रचंड़ मात्रा में बढ़ेगा। इस वजह से व्यापार मंत्री गोयल ने साझा की हुई यह जानकारी ध्यान आकर्षित कर रही हैं। इसके साथ ही भारत और यूएई का ईंधन के अलावा अन्य उत्पादों का व्यापार वर्ष २०३० तक १०० अरब डॉलर तक बढ़ाने का नया ध्येय दोनों देशों ने सामने रखा है, ऐसा दावा पियूष गोयल ने किया है।

अपनी मुद्रा और भारत के रुपये के ज़रिये कारोबार करने की १८ से भी अधिक देशों ने तैयारी दर्शायी है। नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका, मालदीव, ईरान, इराक, येमन, बहरीन, ओमान, कतार, सौदी अरब, सीरिया, जॉर्डन, लेबनान, इजिप्ट और जर्मनी जैसे देशों के साथ यूएई भी भारत के साथ रुपये के माध्यम से कारोबार करने के लिए उत्सूक हैं। दोनों देशों के राष्ट्रीय बैंक इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। दोनों देशों के वित्त मंत्रालय इसे पूरा समर्थन और सहयोग दे रहे हैं। दोनों देशों को निर्णय करने की क्षमता रखने वाला नेतृत्व प्राप्त हुआ है, इसी वजह से दोनों देशों में रुपया-दिरहम के ज़रिये कारोबार हो सकता है, यह विश्वास व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने व्यक्त किया है।

नई दिल्ली में व्यापार मंत्री गोयल की यूएई के व्यापार मंत्री थानी अल झेयुदी से मुलाकात हुई। इस दौरान गोयल ने भारत-यूएई के मुक्त व्यापार समझौते को हासिल हुई सफलता पर संतोष व्यक्त किया। दोनों देशों ने वर्ष २०३० तक द्विपक्षीय व्यापार १०० अरब डॉलर तक बढ़ाने का ऐलान किया था। लेकिन, मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद दोनों देशों के व्यापार की हुई प्रगति की पृष्ठभूमि पर नया ध्येय निर्धारित किया गया है, ऐसा गोयल ने कहा। इस वजह से दोनों देशों के बीच ईंधन के अलावा हो रहा व्यापार वर्ष २०३० तक १०० अरब डॉलर तक बढ़ाने का उद्देश्य दोनों देशों ने तय किया है। फिलहाल दोनों देशों का यही व्यापार ४८ अरब डॉलर है। इस वजह से अगले सात सालों में यह व्यापार दोगुना बढ़ाने की तैयारी करते हुए भारत और यूएई दिख रहे हैं।

द्विपक्षीय व्यापार में बड़ी बढ़ोतरी होने के साथ ही भारत और यूएई रुपया-दिरहम के माध्यम से कारोबार करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इस वजह से दोनों देशों को डॉलर का इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं रहेगी। यह मुद्दा दोनों देशों के आर्थिक स्थिरता के लिए काफी अहम साबित होगी। साथ ही यूएई जैसे बड़े अहम खाड़ी देश ने रुपये के माध्यम से कारोबार करने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुपये का स्थान अधिक मज़बूत होगा। इसका भारत को रणनीतिक लाभ प्राप्त होगा। इससे खाड़ी क्षेत्र में भारत के आर्थिक और राजनीतिक अहमियत अधिक बढ़ेगी। इसी कारण से व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने इस मुद्दे पर किए बयान ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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