अफगानिस्तान के विदेशमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की हुई चर्चा

नई दिल्ली – अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेशमंत्री मोहम्मद हनीफ अत्मार ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के साथ फोन पर बातचीत की है।

अफगानिस्तान में बढ रही हिंसा, इससे शांति प्रक्रिया के लिए बना खतरा और कोरोना वायरस का संकट ये इनकी चर्चा के अहम मुद्दें रहे। इस दौरान कोरोना की महामारी रोकने के लिए भारत ने अफगानिस्तान को प्रदान की हुई सहायता पर अफगानिस्तान के विदेशमंत्री ने आभार जताया। तालिबान ने अफगानिस्तान में हमलें तेज किए हैं और अगले कुछ महीनों में तालिबान अफगानिस्तान में सत्ता काबिज करेगा, यह चिंता कुछ लोग व्यक्त कर रहें हैं। इस पृष्ठभूमि पर, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोवल और अफगान विदेशमंत्री के बीच की यह चर्चा ध्यान आकर्षित कर रहीं हैं। अफगानिस्तान के लिए अमरिका ने नियुक्त किए हुए विशेषदूत खल्मे खलिलझाद ने हाल ही में भारत के विदेशमंत्री के साथ बातचीत की थी और इस चर्चा के दौरान भी अफगानिस्तान का मुद्दा शीर्ष रहने की बात कही जा रही है।

अफगानिस्तान में तालिबान के भीषण हमलों का सत्र शुरू हुआ है और यह स्थिति बनीं रहीं, तो अफगानिस्तान की वर्तमान की सरकार ज्यादा समय तक सत्ता में नहीं रह सकेगी, यह चिंता भी जताई जा रही है। इसी बीच कुछ पश्‍चिमी समाचार पत्रों ने यह दावा किया है कि तालिबान जल्द ही अफगानिस्तान पर कब्जा करेगा। इस पृष्ठभूमि पर, अफगानिस्तान की सरकार समेत दुनियाभर के प्रमुख देशों की चिंता बढ़ी है।

अफगानिस्तान जैसा देश तालिबान के हाथ में जाना भारत की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है। इसी कारण भारत ने, तालिबान के साथ शांति समझौता करने में जुटी अमरिका को सावधानी बरतने का इशारा दिया था।

इस पृष्ठभूमि पर, अफगानिस्तान के विदेशमंत्री ने भारतीय सुरक्षा सलाहकार के साथ चर्चा करना अहमियत रखता है। कुछ महीनें पहले ही अफगानिस्तान में हुए चुनाव के नतीजें सामने आए हैं और राष्ट्राध्यक्ष गनी एवं उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार अब्दुल्ला अब्दुल्ला ये दोनों भी जीत का दावा कर रहे हैं। ऐसे में, अफगानिस्तान में सरकार गठित होने में समस्या बनीं हैं। इस देश में फिलहाल कार्यवाहक सरकार कार्यरत हुई दिख रही है। विदेशमंत्री अत्मार का जिक्र भी ‘अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेशमंत्री’ के तौर पर ही किया जा रहा है।

इसी वजह से तालिबान के संकट के साथ ही अफगानिस्तान को इस सियासी अनिश्‍चिता का भी सामना करना पड रहा है। ऐसें में ही, कोरोना वायरस की महामारी का भयंकर संकट अफगानिस्तान के सामने खड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में अफगानिस्तान में स्थिरता बनाये रखने के लिए भारत काफ़ी बड़ी सहायता प्रदान कर सकता है। इस वजह से, भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के साथ अफगान विदेशमंत्री ने की हुई चर्चा निरीक्षकों का ध्यान आकर्षित कर रहीं है।

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