‘यूएई’ के अबु धाबी में इस्रायली हवाई सुरक्षा यंत्रणा की तैनाती – सैटेलाइट फोटो प्रसिद्ध होने के बाद ईरान की सूचक प्रतिक्रिया

तेहरान – संयुक्त अरब अमीराती के अबू धाबी के दक्षिणी ओर स्थिति अल धफ्रा हवाई अड्डे पर इस्रायल की ‘बराक’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा तैनात की गई हैं। इसके सैटेलाईट से प्राप्त फोटो प्रसिद्ध हुए हैं। यूएई-इस्रायल का विकसित हो रहा सहयोग ईरान की चिंता बढ़ानेवाला है, इसकी कबुली ईरान के विश्लेषक दे रहे हैं। साथ ही इस्रायल के साथ यूएई ने सहयोग करना ईरान-यूएई सहयोग पर बुरा असर करनेवाला साबित होगा, ऐसा इशारा भी इन विश्लेषकों ने दिया। कुछ महीनें पहले यूएई के साथ अरब खाड़ी देशों को ईड़ान ने इस्रायल के साथ सहयोग करने पर खुलेआम धमकाया था। इन अरब खाड़ी देशों ने इस्रायल के साथ अब्राहम समझौता करके इस क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में धकेला है, ऐसें इशारें भी ईरान ने दिए थे।

हवाई सुरक्षा यंत्रणायेमन के हौथी विद्रोहियों के साथ सौदी और यूएई के पहल से बने गुट का संघर्ष हो रहा हैं। हौथी विद्रोहियों ने सौदी अरब के साथ यूएई पर भी रॉकेट और मिसाइल्स से हमला किया था। हौथी विद्रोहियों के पीछे ईरान का समर्थन हैं और ईरान इन विद्रोहियों के ज़रिये खाड़ी क्षेत्र के प्रमुख सौदी और यूएई को लक्ष्य कर रहा हैं, ऐसें आरोप लगाए गए थे। इस खतरे के मद्देनज़र यूएई ने इस्रायल के साथ सहयोग करने के लिए पहल की औड़ साल २०२० में अब्राहम समझौता किया, ऐशा विशेषज्ञों का कहना हैं। इसी वजह से यूएई और इस्रायल का सामरिक सहयोग अब्राहम समझौते का अगला चरण बनता है। यूएई ने इस्रायल से हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीद करने की चर्चा शुरू करने की खबरें सामने आ रही थी।

इस्रायल ने भी खाड़ी देशों को ईरान से होनेवाले खतरे पर गौर करके हवाई सुरक्षा यंत्रणा और अन्य हथियारों की आपुर्ति करने की तैयारी दर्शायी थी। इसके अलावा ईरान से खतरा महसूस कर रहें खाड़ी देशों के साथ संयुक्त हवाई सुरक्षा यंत्रणा स्थापित करने का प्रस्ताव भी इस्रायल ने दिया हैं। अभी सौदी अरब ने खुले आम इस्रायल को स्वीकृति प्रदान नहीं की हैं ना ही अब्राहम समझ्ाौता किया हैं। फिर भी इस विषय पर सौदी और इस्रायल की चर्चा शुरू है, ऐसें दावे किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर यूएई और इस्रायल के रक्षा सहयोग की अहमियत अधिक बढ़ती है।

ईरान की ‘युनिवर्सिटी ऑफ तेहरान’ के प्राध्यापक ‘हामेद मोसावी’ ने यूएई और इस्रायल का यह सहयोग ईरान के लिए चिंता का मुद्दा होने का दावा किया। अबतक ईरान और यूएई के ताल्लुकात काफी बेहतर थे। लेकिन, यूएई-इस्रायल का यह सहयोग यूएई-ईरान संबंधों पर खराब असर करेगा, ऐसा मोसावी ने कहा हैं। कुछ भी हो लेकिन इस्रायल इस्रायल अपने प्रगत हथियार खाड़ी देशों को प्रदान करने की भूल नहीं करेगा, ऐसा दावा अन्य विश्लेषक ने किया है। इस्रायल ने यूएई या खाड़ी देशों को अपने आधुनिक हथियार और यंत्रणा प्रदान करने का निर्णय किया तो इस क्षेत्र में इस्रायल का सैन्य वर्चस्व खत्म होने का खतरा हैं। इस्रायल यह खतरा उठाना मुमकिन ही नहीं, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना हैं।

इसी बीच, साल २०२० से अरब खाड़ी देशों के साथ अब्राहम समझौता करके इस्रायल ने इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की नीति अपनाई हैं। इस्रायल खाड़ी देशों का बैरी नहीं, बल्कि अच्छा सहयोगी देश साबित होगा, इसे साबित करने के लिए इस्रायली नेता लगातार कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, इस्रायल को स्वीकृति प्रदान करके अब्राहम समझौता कर रहें देशों ने पैलेस्टिन का मसला छोड़ दिया और पैलेस्टिनी जनता का विश्वासघात किया, ऐसा आरोप ईरान लगा रहा हैं। इसके अलावा खाड़ी देश इस्रायल के साथ सैन्य सहयोग करके ईरान की सुरक्षा और हितसंबंधों को खतरे में धकेलते हैं तो फिर, ईरान भी इसपर उसी भाषा में प्रत्युत्तर देगा, ऐसी धमकियाँ ईरान लगातार दे रहा हैं। ऐसी स्थिति में यूएई के अबू धाबी हवाई अड्डे पर इस्रायली बराक हवाई सुरक्षा यंत्रणा की तैनाती होना ईरान को बेचैन करनेवाली घटना बनती है। इसपर ईरान से ही पहली प्रतिक्रिया दर्ज़ होना ही ध्यान आकर्षित करता हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.