देश के कोरोना के ८० प्रतिशत नए मामलों में ‘डेल्टा वेरियंट’ का संक्रमण

नई दिल्ली – देश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना की पृष्ठभूमि पर चिंता बढ़ानेवाला अनुमान सामने आया है। देश में पाए जा रहे कोरोना के नए मामलों में ८० प्रतिशत मामले ‘डेल्टा वेरियंट’ के संक्रमण के होने का बयान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गठित की हुई ‘सार्स कोव-२ जिनोम कन्सोर्टियम’ (आयएनएसएसीओजी) के सह-अध्यक्ष डॉ.एन.के.अरोड़ा ने किया है। कोरोना से संबंधित ‘नैशनल टास्क फोर्स’ के सदस्य डॉ.अरोड़ा ने कोरोना के ‘अल्फा वेरियंट’ मुकाबले ‘डेल्टा वेरियंट’ का संक्रमण ४० से ६० प्रतिशत अधिक तेज़ होने का दावा एक अध्ययन के आधार पर किया है।

‘डेल्टा वेरियंट’देश में कोरोना का फिर से विस्फोट होने का ड़र लगातार व्यक्त किया जा रहा है। कई यूरोपिय देशों में एवं एशियाई, अफ्रीकी देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। अमरीका में भी कोरोना के मामलों में फिर से वृद्धि हुई है और इसके लिए ‘डेल्टा वेरियंट’ ज़िम्मेदार होने के दावे किए जा रहे हैं। ‘डब्ल्यूएचओ’ ने भी हाल ही में जारी की रपट में यह बयान किया था कि, ‘डेल्टा वेरियंट’ १०० से अधिक देशों में पहुँचा है। भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर के लिए कोरोना का यही वेरियंट ज़िम्मेदार होने की बात स्पष्ट हुई है।

इस पृष्ठभूमि पर डॉ.एन.के.अरोड़ा ने कहा है कि, वर्तमान में देश में पाए जा रहे कोरोना के ८० प्रतिशत नए मामलों में ‘डेल्टा वेरियंट’ का ही संक्रमण है। ‘आयएनएसएसीओजी’ द्वारा कोरोना के सभी वेरियंटस्‌ पर नज़र रखने की कोशिश जारी है। इसमें किसी एक वेरियंट का संक्रमण बढ़ने की बात ध्यान में आते ही उस पर नियंत्रण पाने का उद्देश्‍य है। इस वजह से देश के अलग अलग हिस्सों में जिनोम सिक्वेन्सिंग की जाँच करनेवाली लैब स्थापित की जा रही है। हर हिस्से में ऐसी लैब शुरू होने पर हर उस क्षेत्र में फैल रहे वेरियंट की पहचान करना मुमकिन होगा, यह जानकारी डॉ.अरोड़ा ने साझा की।

देश के ११ राज्यों में ‘डेल्टा प्लस वेरियंट’ का संक्रमण होने के ५५ से ६० मामले अब तक पाए गए हैं। इनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश का प्रमुखता से समावेश है। लेकिन, ‘डेल्टा प्लस’ के संक्रमण की गति, इस वेरियंट की तीव्रता और इस पर उपलब्ध वैक्सीन्स कितने असरदार हैं, यह अध्ययन अभी पूरा नहीं हुआ है, ऐसा भी डॉ.अरोड़ा ने कहा।

लेकिन, फिलहाल ‘डेल्टा वेरियंट’ ही सबसे अधिक संक्रमण कर रहा है, यह स्पष्ट हो रहा है। लेकिन, सौभाग्यवश भारत में टीकाकरण में प्रयोग हो रही दोनों वैक्सीन्स इस डेल्टा वेरियंट पर प्रभावी हैं। ‘इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (आयसीएमआर) के एक अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ है। इस वजह से अधिकाधिक लोगों का टीकाकरण होने पर कोरोना की इस महामारी का संक्रमण रोकना मुमकिन होगा, यह बात डॉ.अरोड़ा ने स्पष्ट की।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार के दिन जनता से वैक्सीन लगाने के लिए फिर से निवेदन किया। कोरोना के खिलाफ जंग में अपने बलबूते पर बाहुबली बनें, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है।

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