‘ओपेक प्लस’ ने कटौती का निर्णय करने के बाद कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल 110 डॉलर्स तक उछलने की चेतावनी कटौती पर अमरीका का तीव्र बयान

‘ओपेक प्लस’वियना/वॉशिंग्टन – विश्व के प्रमुख ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक प्लस’ संगठन ने कच्चे तेल का उत्पादन प्रतिदिन 20 लाख बैरल्स घटाने का निर्णय किया है। यह निर्णय रशिया की बड़ी राजनीतिक जीत मानी जा रही है। अमरीका से इस पर तीव्र बयान आया है और यह ऐलान रशिया के हित सुरक्षित करनेवाला और अदूरदर्शीता का है, ऐसी आलोचना बायडेन प्रशासन ने की। अमरीका की आलोचना को सौदी अरब ने ठुकराया है और ओपेक पर होनेवाले आरोप गलत होने का बयान किया है। ‘ओपेक प्लस’ के निर्णय की वजह से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने लगी हैं और साल के अन्त तक यह कीमतें प्रति बैरल 110 डॉलर्स तक पहुँचेंगी, ऐसा इशारा ‘गोल्डमन सैक्स’ ने दिया।

‘ओपेक प्लस’फ़रवरी में रशिया ने यूक्रेन अभियान शुरू करने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया। मार्च में ही यह कीमतें 130 डॉलर्स तक पहुँची थीं। अमरीका समेत पश्चिमी देशों ने रशियन ईंधन पर सख्त प्रतिबंध लगाने से यह कीमतें 150 से 200 डॉलर्स तक जा सकती हैं, ऐसी चेतावनी विश्लेषकों ने दी थी। रशिया ने कच्चे तेल का उत्पादन और निर्यात बंद किया तो अन्य देश उसका स्थान नहीं ले पाएंगे, यह इशारा भी ईंधन उत्पादक देशों ने दिया है। इस वजह से यूरोपिय देशों ने रशियन ईंधन का आयात पूरी तरह से बंद ना करने का निर्णय किया था। लेकिन, इसके अलावा अमरीका, यूरोप और मित्रदेशों ने रशियन ईंधन के कीमतों पर नियंत्रण लगाने की गतिविधियाँ शुरू की थीं।

‘ओपेक प्लस’इस पृष्ठभूमि पर ईंधन उत्पादक देशों के अग्रिम संगठन ‘ओपेक प्लस’ का निर्णय ध्यान आकर्षित करता है। बुधवार को हुई बैठक में नवंबर से ओपेक प्लस गुट के देश कच्चे तेल का उत्पादन प्रतिदिन 20 लाख बैरल्स घटाएंगे, यह निर्णय हुआ। यह मात्रा वैश्विक स्तर पर रोज़ाना हो रहे उत्पादन का दो प्रतिशत है। ओपेक प्लस का निर्णय राजनीतिक नहीं है, बल्कि तकनीकी होने की जानकारी यूएई ने साझा की। इसी बीच ओपेक के महासचिव ने कहा कि, हम ईंधन बाज़ार को सुरक्षा और स्थिरता बहाल कर रहे हैं, और इस निर्णय का स्वागत किया।

‘ओपेक प्लस’ के निर्णय पर अमरीका से तीव्र बयान सामने आए। ‘ओपेक प्लस’ के इस निर्णय पर राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन नाराज़ हैं। ईंधन उत्पादक देशों का यह निर्णय अदूरदर्शीता का है और उन्होंने रशिया के हित की रक्षा की भूमिका अपनाई है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन इस मुद्दे पर अमरिकी संसद में विचार-विमर्श करेंगे। ईंधन की कीमतों पर ओपेक का नियंत्रण कम करने के कदम उठाए जाएँगे’, ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के बयान से इशारा दिया गया हैं। शासक डेमोक्रैट पार्टी के सांसदों ने आक्रामक भूमिका अपनाकर खाड़ी देशों में अमरिकी तैनाती को हटाने की माँग की। इस मुद्दे से जुड़ा प्रस्ताव जल्द ही संसद में पेश करने के संकेत भी दिए गए हैं।

इसी बीच ओपेक प्लस के निर्णय के बाद गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतें फिर से 90 डॉलर्स तक उछलीं। गुरुवार के कारोबार में यह कीमतें प्रति बैरल 93 डॉलर्स रही। अगले कुछ हफ्तों तक बढ़ोतरी जारी रहेगी, ऐसा अनुमान प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने लगाया है। गोल्डमन सैक्स ने इस साल के अन्त तक कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल 110 डॉलर्स और साल 2023 के पहली तिमाही तक 115 डॉलर्स तक बढ़ेंगीं, ऐसा अनुमान व्यक्त किया है।

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