पाकिस्तान की सहायता को भीख के नज़रिए से ना देखें – प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ का आवाहन

इस्लामाबाद – भीषण बाढ़ के कारण पाकिस्तान में मरनेवालों की संख्या 1,700 हुई है और इससे पाकिस्तान को तकरीबन 30 अरब डॉलर्स का नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे धनिक देशों के सामने कटोरा लेकर खड़े रहने के लिए मज़बूर ना करें, ऐसा आवाहन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने किया। पाकिस्तान के पास जो कुछ है और जिसकी ज़रूरत है, इसमें बहुत बड़ा फासला है। यह फासला दिनोंदिन बढ़ रहा है और ऐसे में सहायता के लिए पाकिस्तान की बिनती को भीक के नज़रिए ना देखें। पाकिस्तान पर टूटी यह आपदा यानी पर्यावरण का संकट है और पाकिस्तान पर्यावरणीय न्याय धनिक देशों से माँग रहा है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय सहायता पाकिस्तान का अधिकार है, ऐसा दावा किया है।

शाहबाज शरीफब्रिटेन के एक अखबार को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने यह दावे किए। भीषण बाढ़ के संकट से पाकिस्तान अभी तक संभला नहीं पाया है। अनाज से दवाईयों तक की हर की कमी और किल्लत से पाकिस्तान की जनता परेशान हुई है। बाढ़ से ग्रस्त जनता का शोषण हो रहा है, ऐसी भयंकर व्यथा पाकिस्तान के ही पत्रकार विश्व के सामने बयान कर रहे हैं। इसके अलवा अब तक विश्वभर से मिली सहायता यहां के ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुँची है, उसका अपहार हुआ है, ऐसी तीखीं आलोचना यह पत्रकार कर रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान की भ्रष्ट व्यवस्था पर विश्वास ना होने के कारण ज़रूरतमंदों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सहायता प्राप्त नहीं हो रही है, ऐसा आरोप इन पत्रकारों के अलावा पाकिस्तानी माध्यम भी लगा रहे हैं।

ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ अमरीका से रशिया तक के हर देश से भीख माँग रहे हैं, ऐसी आलोचना पाकिस्तान में हो रही है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री शरीफ ने ब्रिटेन के अखबार के सामने अपना दुखड़ा रोया। बाढ़ की वजह से पाकिस्तान का भारी नुकसान हुआ है। पर्यावरण का संतुलन बिगड़ने से मूसलाधार बारिश ने हमारे देश का यह हाल किया है, लेकिन, पर्यावरण का यह संकट पाकिस्तान के कारण निर्माण नहीं हुआ है। पाकिस्तान से कार्बन का उत्सर्जन मात्र 0.8 प्रतिशत ही है। ऐसी स्थिति में कार्बन का सबसे अधिक उत्सर्जन करनेवाले धनिक देशों को पाकिस्तान की सहायता करनी चाहिए, यह उनकी ज़िम्मेदारी है। इसी वजह से पाकिस्तान द्वारा सहायता के आवाहन को भीख के नज़रिए से ना देखें, ऐसा प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा।

यह पेशकश करते हुए कार्बन उत्सर्जन काफी कम मात्रा में करके पाकिस्तान विश्व पर मेहरबानी कर रहा है, ऐसा चित्र प्रधानमंत्री शरीफ दर्शा रहे हैं। लेकिन, इससे पाकिस्तान का पिछड़ापन साबित हो रहा है। बल्कि अधिकार से भीख माँगने की नई तकनीक पाकिस्तान विकसित करता हुआ दिख रहा है। क्योंकि, अमरीका से पाकिस्तान को सहायता देने का ऐलान हो रहा था तभी आपके करीबी मित्रदेश चीन से भी सहायता मांगें, यह पाकिस्तान को सुनाया गया था। हिमालय से भी उंचा और सागर से भी गहरी पाकिस्तान और चीन की मित्रता के दावे पाकिस्तान कर रहा है। ऐसे में भयंकर संकट से घिरे पाकिस्तान से चीन ने मूँह मोड़ लिया है। चीन से उम्मीद के अनुसार सहायता नहीं मिल रही है, यह अफसोस पाकिस्तान में व्यक्त हो रहा है। इसी बीच कुछ चीन समर्थक पाकिस्तानी विश्लेषक इसके लिए पाकिस्तानी सरकार की नीति ज़िम्मेदार होने की बात कहकर चीन को दोषमुक्त कर रहे हैं।

पाकिस्तान ने फिर से अमरीका समर्थक नीति अपनाने से चीन पाकिस्तान पर गुस्सा है। इसी वजह से चीन ने इस संकट के समय में पाकिस्तान से मूँह मोड़ा है, ऐसा दावा यह चीन समर्थक पत्रकार कर रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार की ऐसीं नीति के कारण ही चीन ने सीपीईसी प्रकल्प समेटा, यह दावा भी इन विश्लेषकों ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.