युरोप में कोरोनावायरस का हाहाकार जारी

पॅरिस/लंडन – कोरोनावायरस ने युरोप में ६० हज़ार से भी अधिक लोगों की जान ली होकर, पिछले चौबीस घंटों में युरोप में तक़रीबन तीन हज़ार लोग मारे गए हैं। ब्रिटन में एक ही दिन में ९३८ लोगों की मृत्यु हुई है। इस महामारी का सामना करने के लिए हमें डॉक्टर्स और नर्सेस के कमी महसूस हो रही है, यह ब्रिटन की सरकार ने मान्य किया है। वहीं, इटली तथा स्पेन इन देशों ने उनके देशों में महामारी की मृत्युओं का प्रमाण घटा होने के दावे किए हैं।

मंगलवार को कोरोनावायरस के संक्रमण से फ्रान्स में १४१७ लोग मारे गए थे। लगातार दूसरे दिन इस देश में इतनी बड़ी मात्रा में नागरिकों की जानें जाने के बाद, फ्रान्स इस महामारी का युरोप का नया केंद्र बन रहा है, ऐसे दावे माध्यमों से किए जा रहे थे। लेकिन गत चौबीस घंटों में ब्रिटन में इस महामारी से ९३८ लोग मारे गए हैं। इनमें से, इंग्लैंड में ८३०, स्कॉटलंड में ७०, वेल्स में ३३ और नॉर्दर्न आयर्लंड में पाँच लोगों का समावेश है।

ब्रिटन के पीछे पीछे फ्रान्स में चौबीस घंटों में ५४१ लोगों की मृत्यु हुई। इसीके साथ, फ्रान्स में अब तक इस महामारी से मरे हुए लोगों की संख्या १०,८६९ तक पहुँच चुकी है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमन्यूअल मॅक्रॉन आनेवाले सोमवार को महत्त्वपूर्ण घोषणा करनेवाले हैं। फ्रान्स में जारी लॉकडाउन को तीव्र करने का निर्णय राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन से लिया जा सकता है, ऐसा माध्यमों का कहना है।

स्पेन और इटली ने गत चौबीस घंटों की गतिविधियों की जानकारी ज़ाहिर नहीं की है। साथ ही, उनके देश की परिस्थिति सुधर रही होने का दावा भी किया है। युरोप में कोरोनावायरस की महामारी साथ कुहराम मचा रही है, लेकिन लॉकडाउन हटाने की माँग उद्योगक्षेत्रों द्वारा की जा रही है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो हमारा प्रचंड आर्थिक नुकसान होगा और रोज़गार निर्माण पूरी तरह बन्द होगा, ऐसी चेतावनी उद्योगक्षेत्रों द्वारा दी जा रही है। इसलिए शायद लॉकडाउन हटाना या फिर कुछ हद तक नियमों को शिथिल करना, इन जैसीं उपाययोजनाएँ युरोपीय देशों द्वारा कीं जा सकतीं हैं, ऐस कुछ लोगों का कहना है।

लेकिन लॉकडाऊन हटाने पर उसके भयंकर परिणाम सामने आयेंगे, ऐसी चेतावनी वैद्यकीय क्षेत्र के विशेषज्ञ दे रहे हैं। दुनियाभर में कोरोनावायरस के कारण मरे हुए कुल लोगों में से दो-तिहाई मृतक और कुल मरीज़ों में से आधे मरीज़ युरोपीय देशों से हैं। इस कारण फिलहाल तो युरोप के किसी भी देश को लॉकडाऊन के सन्दर्भ में ऐसा निर्णय लेना मुश्किल हुआ होने का चित्र दिखायी दे रहा है।

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