अमरीका चीनपरस्त ‘डब्ल्यूएचओ’ का फंडिंग रोकेगी – राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘जागतिक स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) चीन की तरफ़ से पक्षपाती (पार्शल) है। यह सरासर अनुचित है। इसी कारण इससे आगे अमरीका ‘डब्ल्यूएचओ’ की निधि रोकनेवाली है’, ऐसी चेतावनी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दी। कोरोनावायरस के संक्रमण के बारे में ‘डब्ल्यूएचओ’ ने बहुत ही लापरवाही बरतते हुए चीन का बचाव करने की कोशिश की थी। ‘डब्ल्यूएचओ’ के अध्यक्ष टेड्रॉस घेब्रेस्यूएस ये चीन के एजंट होकर उनके वजह से ही दुनिया पर यह संक्रमण का संकट टूट पड़ा है, ऐसी आलोचना अमरीका, ब्रिटन और जपान से की जा रही है। इस पार्श्वभूमि पर, ‘डब्ल्यूएचओ’ को मिलनेवाली कुल निधि में से तक़रीबन १५ प्रतिशत निधि की आपूर्ति करनेवाली अमरीका ने लिया हुआ यह निर्णय इस संगठन के सामने बहुत ही गंभीर समस्याएँ खड़ी कर सकता है। अमरीका के इस निर्णय की बहुत बड़ी राजकीय गुँजें उठने की संभावना है।

कोरोनावायरस के विरोध में अमरीका ने सबसे बड़ी मुहिम छेड़ी होकर, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प हररोज़ माध्यमों के ज़रिये अमरिकी जनता को संबोधित कर रहे हैं। मंगलवार को माध्यमों से बातचीत करते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘डब्ल्यूएचओ’ को लक्ष्य बनाया।“‘डब्ल्यूएचओ’ को दी जानेवाली वित्तसहायता अमरीका रोक रही है। इस वित्तसहायता पर हम बहुत ही प्रभावशाली रोक लगानेवाले हैं। अगर यह संगठन सुचारू रूप से काम कर रही होती, तो कोई सवाल ही नहीं था। लेकिन जब यह संगठन हमारी हर बात का विरोध करती है, तब वह हरगिज़ उचित नहीं है और  तेव्हा ते अजिबात योग्य ठरत नाही व वह बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा”, ऐसे संकेत राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिए।

उसी के साथ, ‘डब्ल्यूएचओ’ को मिलनेवाली वित्तीय सहायता में से सर्वाधिक सहायता अमरीका द्वारा दी जाती है, इसकी याद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिला दी। इसके बावजूद भी ‘डब्ल्यूएचओ’ चीन की तरफ़ से पार्श्यालिटी कर रहा होने का दोषारोपण राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया। ‘महीने भर पहीले अमरीका ने कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए चीन से दाखिल होनेवाले यात्रियों पर पाबंदी घोषित की थी। उस समय इस संगठन ने अमरीका के इस निर्णय पर ऐतराज़ जताया था। डब्ल्यूएचओ की यह चीनपरस्त भूमिका सरासर ग़लत थी’, ऐसा कहकर ट्रम्प ने इस संगठन के हेतुओं पर ही सवाल खड़े किए।

केवल अमरीका संदर्भ की भूमिका ही नहीं, बल्कि इस संगठन ने कोरोनावायरस के संक्र्मण के मामले में लिए निर्णय भी पोरी तरह ग़लत सबित हुए, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा। चीन को बचाने के लिए ‘डब्ल्यूएचओ’ ने इस संक्रमण की जानकारी काफ़ी देर तक छिपाकर रखी, ऐसा अत्यंत गंभीर आरोप अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘डब्ल्यूएचओ’ के बारे में लिये इस आक्रमक निर्णय के कारण इस संगठन पर का दबाव भारी मात्रा में बढ़नेवाला है। अमरीका से पहले ब्रिटन और जापान इन देशों ने भी ‘डब्ल्यूएचओ’ की कड़ी आलोचना की थी और यह संगठन खुलेआम चीन की तरफ़ से पक्षपात कर रहा होने का आरोप किया था। वहीं, अमरीका की सिनेटर मार्था मॅकसॅली ने ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्यूएस के इस्तीफ़े की माँग की थी।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने यदि ‘डब्ल्यूएचओ’ की वित्तसहायता रोक दी, तो अन्य देशों से भी ऐसे ही निर्णय लिये जा सकते हैं। इससे ‘डब्ल्यूएचओ’ के साथ साथ चीन को भी बहुत बड़ा झटका लगनेवाला है। कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से राजनैतिक स्तर पर घमासान संघर्ष का आरंभ इससे हुआ स्पष्ट रूप से दिखायी दे रहा है।

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