अमरिका की भूतपूर्व विदेश मंत्री कोंडोलिझा राईस ‘बाल्कन’ के विशेषदूत के पद पर नियुक्त होंगी

वॉशिंगटन: यूरोप के ‘बाल्कन’ देशों में रशिया की गतिविधियों को रोकने के लिए अमरिका ने विशेषदूत नियुक्त करने के संकेत दिए हैं। यह जिम्मेदारी अमरिका की भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री कोंडोलिझा राईस को सौंपी जाएगी, ऐसे संकेत यूरोपीय देशों के सूत्रों ने दिए हैं। राईस ने अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ‘जॉर्ज बुश’ (सीनियर) के कार्यकाल में ‘सोवियत रशिया और ईस्टर्न यूरोप अफेअर्स’ के सलाहकार के तौर पर काम किया था। इस वजह से उनकी नई नियुक्ति ध्यान आकर्षित करने वाली है।

‘बाल्कन’

यूरोपीय देशों के सर्बिया और कोसोवो इन देशों के बिच संबंध तनावपूर्ण बन गए हैं और कोसोवो ने अमरिका के हस्तक्षेप की माँग की है। वर्तमान में इन दो देशों के बिच बातचीत के लिए यूरोपीय महासंघ ने पहल की है। चर्चा सफल हुई तो महासंघ ने सर्बिया को सदस्यता देने के संकेत दिए हैं। कोसोवो को भी महासंघ की सदस्यता के लिए ‘पात्र उम्मीदवार’ के तौर पर दर्जा देने का लालच दिखाया है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका का संभाव्य हस्तक्षेप ध्यान आकर्षित कर सकता है।

‘अमरिका सीधे चर्चा में शामिल नहीं होना चाहती है। उनका उद्देश्य संबंध सामान्य होने की स्थिति निर्माण हुई तो उस पर नियंत्रण रखना है। कोसोवो के साथ अमरिका को बोस्निया और हर्झेगोविना के बिच समस्याओं पर भी उपाय निकालने की इच्छा है। कोसोवो, बोस्निया और हर्झेगोविना यह अमरिका की विदेश नीति का एक हिस्सा हैं। यूरोप में भरोसेमंद भागीदार के तौर पर उनकी पहचान है। यूरोप की परिस्थिति बदल रही है, इसलिए अमरिका को बाल्कन देशों पर फिर एक बार राजनीतिक प्रभाव निर्माण करने की आवश्यकता दिखाई दे रही है’, इन शब्दों में यूरोपीय सूत्रों ने अमरिका के विशेषदूत के संभाव्य नियुक्ति के पीछे की पृष्ठभूमि स्पष्ट की है।

पिछले साल में अमरिकी अधिकारी और संसद सदस्यों की ओर से बाल्कन देशों को दी जाने वाली भेटों में बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी हुई है। करीब १०० से अधिक संसद सदस्य और अधिकारीयों ने साल भर में बाल्कन देशों का दौरा किया है। यह बात अभूतपूर्व होने की वजह से सूत्रों ने ध्यान आकर्षित किया है। यह दौरे अमरिका बाल्कन देशों में गतिविधियाँ बढाने के लिए कदम रखने सूचक संकेत हैं, ऐसा दावा भी उन्हों ने किया है। आने वाले समय में बाल्कन के मामले में मसौदा संसद और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष को प्रस्तुत किया जाएगा, यह संभावना भी सूत्रों ने जताई है।

इस मसौदे में बाल्कन देशों के लिए विशेष दूत की नियुक्ति का समावेश होने की संभावना है। पिछले कई सालों से अमरिकी प्रशासन में इस बारे में चर्चा शुरू है और नई गतिविधियाँ संभाव्य नियुक्ति के संकेत देने वाली हैं। इसके लिए अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री कोंडोलिझा राईस का नाम सबसे आगे है। अमरिकी प्रशासन में विदेश नीति का दीर्घकालीन अनुभव वाले राजनीतिक अधिकारी के तौर पर राईस की पहचान है। साथ ही वह ‘रशिया एक्सपर्ट’ के तौर पर भी परिचित हैं।

अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ‘जॉर्ज बुश’ (सीनियर) के कार्यकाल में उन्होंने ‘सोव्हिएत एंड ईस्टर्न यूरोपियन अफेअर्स’ के वरिष्ठ निदेशक की जिम्मेदारी संभाली थी। सन १९७९ में ‘मोस्को स्टेट यूनिवर्सिटी’ से रशियन भाषा की पढ़ाई करने वाली राईस की राष्ट्राध्यक्ष बुश ने तत्कालीन रशियन राष्ट्राध्यक्ष मिखाइल गोर्बाचेव्ह के साथ मुलाकात भी कराई थी।

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