अगले पांच वर्षों में देश के रक्षा निर्यात में होगी वृद्धि – ‘डीआरडीओ’प्रमुख का विश्‍वास

नई दिल्ली – अगले पांच वर्षों में भारत के रक्षा क्षेत्र की निर्यात में बड़ी वृद्धि होकर रहेगी, यह विश्‍वास ‘डीआरडीओ’ के प्रमुख ‘जी.सतीश रेड्डी’ ने व्यक्त किया है। ‘कॉन्फेड़रेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री’ (सीआयआय) ने आयोजित किए वेबिनार में ‘डीआरडीओ’ के प्रमुख बोल रहे थे।

india-drdoअगले चार से पांच वर्षों में भारतीय रक्षाबलों के बेड़े में स्वदेशी शस्त्र और रक्षा सामान की मात्रा में बढ़ोतरी हुई होगी। साथ ही इसके निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी होगी। सरकार और ‘डीआरडीओ’ ने इस दिशा में अहम कदम उठाए हैं और इस वजह से देश में रक्षा सामान और शस्त्रों के निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, यह बात ‘डीआरडीओ’ प्रमुख ने कही है।

‘डीआरडीओ’ के हर प्रकल्प में विकास और उत्पादन के मोर्चे पर निजी क्षेत्र की सहायता प्राप्त की जा रही है। मिसाइल निर्माण जैसे बड़े संवेदनशील कामों में भी निजी कंपनियों की सहायता प्राप्त करने का निर्णय हुआ है, यह बात भी जी.सतीश रेड्डी ने इस दौरान स्पष्ट की। कुछ दिन पहले ही सरकार ने ‘आकाश’ मिसाइल’ निर्यात करने का निर्णय किया था। इसके लिए संभावित ग्राहक देशों की सूचि भी तैयार होने की खबरें प्रसिद्ध हुई थीं।

ज़मीन से हवा में हमला करनेवाले इस मिसाइल का निर्यात भारत के रक्षा उद्योग क्षेत्र में अहम चरण होगा, यह बात रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कही थी। साथ ही अगले पांच वर्षों में भारत ने करीबन पांच अरब डॉलर्स का रक्षा सामान एवं शस्त्रों के निर्यात का लक्ष्य सामने रखा है। शस्त्रों के सबसे बड़े आयातक देश के तौर पर भारत की हुई पहचान मिटाकर देश की शस्त्रों का निर्यातक देश, यह नई पहचान निर्माण करने की दिशा में इसके आगे कोशिश की जाएगी, यह बात रक्षामंत्री ने स्पष्ट की थी।

‘डीआरडीओ’ के प्रमुख ने भी ‘सीआयआय’ के वेबिनार में बोलते समय देश के सामने इससे संबंधित लक्ष्य स्पष्ट किया। रक्षा सामान का डिज़ाईन, विकास और उत्पादन तीनों काम देश में ही किए बगैर हम सच्चे मायने में आत्मनिर्भर नहीं हो सकेंगे, यह बयान ‘डीआरडीओ’ के प्रमुख ने किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.