युरोपीय महासंघ द्वारा संयुक्त सेना का प्रस्ताव

ब्रुसेल्स, दि. १६ (वृत्तसंस्था) – ‘ब्रेक्झिट’ के अनुसार ब्रिटन युरोपीय महासंघ से बाहर निकलने के बाद, युरोप की संयुक्त सेना की कार्यवाही को गति मिलने का अंदाज़ा सही साबित होते दिखायी दे रहा है| बुधवार को युरोपीय कमिशन के प्रमुख जीन क्लॉड जंकर ने अपने ‘स्टेट ऑफ द युनियन ऍड्रेस’ में ‘युरोपियन आर्मी’ का प्रस्ताव सामने रखा| ब्रेक्झिट के बाद महासंघ का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए सिर्फ आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव असरदार नहीं होगा, बल्कि उसके लिए सामूहिक रक्षा नीति की ज़रूरत होगी, ऐसा कहते हुए जंकर ने युरोपियन सेना का प्रस्ताव दिया| साथ ही ब्रेक्झिट के बाद युरोपीय संघ का अंत नहीं होगा, ऐसा भरोसा भी उन्होंने जताया|

संयुक्त सेना

‘युरोप को और मज़बूत और शक्तिशाली बनाने के लिए रक्षा के मसले पर निश्‍चित भूमिका होना ज़रूरी है| अब आगे युरोपीय महासंघ सिर्फ सदस्य देशों की सैनिकी शक्ति पर निर्भर नहीं रह सकता| युरोप को एकसाथ होकर अपने हितसंबंधों की रक्षा करनी पड़ेगी| नयी सेना नाटो की सहायता करनेवाले होगी| युरोप की रक्षा के लिए नयी व्यवस्था खड़ी करने का मतलब नाटो के साथ सहयोग कम करना ऐसा नहीं है|’ इन शब्दों में जंकर ने युरोपीय सेना के प्रस्ताव के पीछे की भूमिका का खुलासा किया|

आर्थिक दृष्टि से भी युरोप की सेना की संकल्पना व्यावहारिक साबित होगी, ऐसा दावा भी उन्होंने किया| रक्षाक्षेत्र में उचित सहयोग के अभाव के कारण युरोप को हर साल क़रीब १०० अरब युरो का नुकसान सहना पड़ता है| ऐसे में रक्षाक्षेत्र का सहयोग अच्छा साबित हो सकता है, ऐसा जंकर ने बताया| युरोप की एकत्रित सेना के लिए इस साल के अंत तक, अलग से ‘युरोपियन डिफेन्स फंड’ शुरू किया जायेगा, ऐसी जानकारी युरोपीय कमिशन के मुख्य ने दी|

युरोप के रक्षाक्षेत्र का विचार किया, तो महासंघ के पास अलग और स्थायी रूप में किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं, ऐसा कहते हुए जंकर ने ‘कॉमन मिलिटरी फोर्स’ और साथ ही, सैनिकी मुख्यालय की कल्पना भी प्रस्तुत की| उन्होंने इससे पहले भी, अलग अलग बयानों में ‘युरोपीय सेना’ का प्रस्ताव सामने रखा था| मगर उन्हें तीव्र प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा था|

संयुक्त सेना

परंतु ‘ब्रेक्झिट’ के बाद सिर्फ़ एक सप्ताह में ही, अलग युरोपीय सेना की माँग ज़ोर पकड़ते हुए सामने आने लगी थी| ब्रेक्झिट के बाद ब्रुसेल्स में हुई बैठक में, महासंघ द्वारा प्रकाशित किये गए निवेदन में इसका स्पष्ट उल्लेख किया गया था| युरोपीय देश सुरक्षा के मामले में सिर्फ ‘नाटो’ पर निर्भर नहीं रह सकते, ऐसा कहते हुए ‘युरोपीय सेना’ का समर्थन किया गया था|

युरोपीय देशों की अलग सेना का प्रस्ताव पिछले चार-पाँच सालों से महासंघ के विविध नेताओं तथा अधिकारियों द्वारा सामने आता रहा है|  लेकिन इस प्रस्ताव को ब्रिटन द्वारा कड़ा विरोध दर्शाया गया था| अलग युरोपीय सेना ‘नाटो’ को कमज़ोर बनानेवाली साबित होगी, ऐसा दावा ब्रिटन द्वारा किया गया था|

ब्रेक्झिट के बाद हुई बैठक में, ‘युरोपियन युनियन ग्लोबल स्ट्रॅटेजी’ नाम से अलग नीती का मसौदा प्रस्तुत किया गया था| उसमें युरोप की विदेश, सुरक्षा और रक्षा विषयक नीति को और व्यापक बनाने का आवाहन करते हुए, अलग सेना की माँग तथा अन्य प्रस्ताव रखे गये थे|

पिछले महीने पूर्व युरोपीय देशों की अलग बैठक में भी युरोपीय सेना की माँग रखी गयी थी| हंगेरी और झेक रिपब्लिक ने अलग सेना का ज़ोरदार समर्थन किया था|

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