चीनी नौसेना को कुशल, प्रशिक्षित अधिकारियों की कमी – चीनी सैन्य मुखपत्र की कबुली

बीजिंग – ‘चीन की नौसेना अतिप्रगत युद्धपोत और अत्याधुनिक हथियारों से मुस्तैद हो रही हैं। लेकिन, युद्धपोत और हथियारों को चलाने के लिए चीन की नौसेना के पास पर्याप्त मात्रा में प्रशिक्षित और कुशल अधिकारी ही नहीं हैं। चीनी युद्धपोत और विध्वंसकों पर फिलहाल तैनात कुछ अधिकारियों ने नौसेना के लिए ज़रूरी प्रशिक्षण की टेस्ट ही नहीं पास की है’, ऐसी कबुली चीन के सैन्य मुखपत्र ने दी है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के विरोध में पूरे विश्व के देश साथ मिल रहे हैं और ऐसे में चीनी नौसेना को लेकर यह कबुली सामने आना ध्यान आकर्षित करता हैं।

चीनी नौसेनाआर्थिक एवं फौजी मोर्चे पर चीन जल्द ही अमरीका को पीछे छोड़ेगा, ऐसे दावे चीनी एवं चीन के मुरिद विश्लेषक कर रहे हैं। लेकिन, पिछले साल से चीन के सामर्थ्य को लेकर किए जा रहे दावे खोखले होने के संकेत प्राप्त होने लगे हैं। चीन की अर्थव्यवस्था को लग रहे झटके और इससे देश में निर्माण हुई अराजकता सोशल मीडिया के ज़रिये पुरे विश्व के सामने आ रही है। अब इसमें चीन के रक्षा सामर्थ्य पर सवाल खड़े करने वाली खबरें सार्वजनिक होने लगी हैं।

२६ दिसंबर को ‘पीपल्स डेलि’ नामक चीनी सेना के मुखपत्र ने ध्यान आकर्षित करने वाली खबर प्रसिद्ध की हैं। ‘इक्विपमेंट अवेटिंग टैलेन्ट’ इस शीर्षक की खबर में चीन की सेना ने भी अपनी नौसेना की कमियां और खामियां गिनी हैं। चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी ने ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ के आधुनिकीकरण को गतिमान किया है, फिर भी नौसेना के विध्वंसक, उसपर लगे हथियार और प्रौद्योगिकी यंत्रणा चलाने के लिए कुशल अधिकारी ही नहीं हैं, यह दावा इस मुखपत्र ने किया है।

चीनी युद्धपोत एवं विध्वंसकों का नेतृत्व कर रहे वॉईस कैप्टन पद के अधिकारी भी इस पद के लिए ज़रूरी पूरा प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर सके हैं, यह भी चीनी मुखपत्र ने कहा है। पिछले कुछ सालों में नौसेना के पुराने विध्वंसक सेवा से निवृत्त करके उनका स्थान प्रगत विध्वंसकों ने प्राप्त किया है। लेकिन, इन अत्याधुनिक विध्वंसकों की ज़िम्मेदारी संभालने के लिए सक्षम, कुशल और प्रशिक्षित अधिकारियों की संख्या काफी कम है, ऐसी कबुली पीपल्स डेलि ने दी है। चीनी नौसेना का यह संकट अधिक से अधिक गंभीर हो रहा है, ऐसी चेतावनी भी इस अखबार ने दी है।

कम्युनिस्ट हुकूमत ने थोपी ‘वन चाईल्ड पॉलिसी’ चीन की सेना के लिए मारक साबित होने लगी है। इस वजह से सब कुछ दाव पर लगाकर लड़ने की मानसिकता चीनी रक्षाबलों में विकसित नहीं होती। चीन के युवा विशेष काबिलियत के बिना सिर्फ पैसों के लिए सेना में दाखिल होते हैं। वह देश की सुरक्षा के लिए समर्पण की भावना ही नहीं रखते, ऐसी आलोचना विश्लेषक कर रहे हैं। साल २०१५ में सुड़ान शांति अभियान का हिस्सा रहे चीनी सैनिक आतंकियों के विरोध में जारी संघर्ष से भाग खड़े हुए थे और यह मामला पुरे विश्व में चर्चा का काफी बड़ा मुद्दा बना था, इसपर भी विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। लेकिन, अब चीनी मुखपत्रों ने ही ऐसी आलोचना करके विश्लेषकों ने पहले किए दावों में सच्चाई होने की बात दिखाई है।

चीन की नौसेना में फिलहाल दो विमान वाहक युद्धपोत हैं। लेकिन, इन युद्धपोतों से विमान उड़ाकर वापस इन विमानों को युद्धपोत पर उतारने की काबिलीयत रखनेवाले लड़ाकू पायलट ही चीन के पास नहीं हैं, ऐसा दावा कुछ लोगों ने पहले भी किया था।

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