जापान के ओकिनावा की सरहद के नज़दीक चीन के ४० विमानों का हवाईअभ्यास

टोकिओ, दि. २७ (वृत्तसंस्था) – अमरिकी सेना का अड्डा रहनेवाले ओकिनावा द्वीप की हवाई सीमा के क़रीब ‘हवाई सराव’ का आयोजन करते हुए चीन ने खलबली मचा दी है| चीन की हवाईसेना के कुल ४० लड़ाकू और बॉम्बर्स विमानों ने ओकिनावा द्वीप के नज़दीक से उडानें भरने से पूर्व एशिया में तनाव बढ़ गया है| चीन के इन कारनामों पर तीव्र नाराज़गी जताते हुए, ‘अपनी ज़मीन, हवाईक्षेत्र और सागरीसीमा की रक्षा के लिये मुँहतोड जवाब देने की क्षमता जापान के पास है’ ऐसी चेतावनी जापान ने दी है|

चीन ‘साऊथ चायन सी’ में अपनी ताक़त का प्रदर्शन कर रहा है, ऐसा आरोप जापान ने किया है| पिछले कुछ दिनो से चीन के ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी एअर फोर्स’ ने (प्लॅफ) हवाई अभ्यास का आयोजन किया| इस हवाई अभ्यास के अंतर्गत चीन ने, चार परमाणुबम ले जाने की क्षमता रखनेवाला ‘एच-६के’ बॉम्बर्स विमान, साथ ही ‘सुखोई-३०’ लड़ाकू प्लेन्स, लंबी दूरी तक रतवाही करने की क्षमता रखनेवाला ‘टू-१५४’ तथा ‘वाय-८’ गश्ती प्लेन और ‘इंधन ले जाने वाले टैंकर विमानों को ‘ईस्ट चायना सी’ में ‘मियाको’ के समुद्री क्षेत्र में रवाना किया| चीन के हवाईदल ने, इस अभ्यास में शामिल हुए विमानों की जानकारी जारी की है|

ओकिनावाअपना यह हवाई अभ्यास पूर्वनियोजित था, ऐसा दावा चीन ने किया है| अपने विमानों की क्षमता का मूल्यमापन करने के लिए यह अभ्यास किया जा रहा है, ऐसी जानकारी चीन ने प्रसिद्ध की है| समय समय पर चीन के हवाईदल द्वारा, ‘ईस्ट चायना सी’ होकर प्रशांत महासागर की पश्‍चिमी सीमा तक इस हवाई अभ्यास का आयोजन किया जाता है, ऐसा खुलासा चीन कर रहा है| लेकिन पिछले महीने भर में चीन ने पश्‍चिम प्रशांत महासागर में आयोजित किया हुआ यह दूसरा अभ्यास है| इस सागरी क्षेत्र में तनाव के बढ़ते, चीन ने इस हवाई अभ्यास का आयोजन करने से इस क्षेत्र का माहौल बिगड़ा हुआ है|

साथ ही, इस बार के हवाई अभ्यास में शामिल हुए चीन के विमानों की तादात हमेशा से ज़्यादा रही है, ऐसा दावा किया जाता है| चीन के विमानों ने सीधा जापान की हवाई सरहद में घुसपैंठ की, ऐसी आलोचना जापान कर रहा है| चीन के विमानों का हवाईअभ्यास मियाको के आखातों से आगे शुरू था, ऐसा दावा हालाँकि चीन ने किया है, लेकिन यह हवाई अभ्यास ‘ओकिनावा’ द्वीप समुहों की सीमारेखा में हुआ है, ऐसा जापान का कहना है| इसलिए चीन ने अपने हवाई सीमा में घुसपैंठ की, ऐसा आरोप जापान के वरिष्ठ अधिकारी ने किया है|

पिछले कुछ दिनों में चीन की सेना की हरकते अधिक तीव्र और आक्रामक होने लगी हैं| चीन की सेना की इन हरकतों पर जापान सरकार की कड़ी नज़र है| इसके लिये जापान ने अपनी गश्ती मुहिम बढ़ायी है, ऐसा जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी ‘योशिहिदे शूगा’ ने स्पष्ट किया| साथ ही, चीन की इस घुसपैंठ को मुँहतोड़ जवाब देने के लिए जापान तैयार है, ऐसा भी शूगा ने ज़ोर देकर कहा है| चीन को यह चेतावनी देने से पहले जापान ने चिनी विमानों की दिशा में लड़ाकू प्लेन्स भेजे थे|

पिछले महीने भर में जापान के ऍबे सरकार ने आक्रामक नीति अपनायी है| दस दिन पहले जापान की रक्षामंत्री ‘टोमोमी इनाडा’ ने अमरीका के रक्षा मुख्यालय ‘पेंटॅगॉन’ की भेंट कर, ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र में अमरीका के साथ संयुक्त गश्ती शुरू करने का ऐलान किया था| साथ ही, रक्षाक्षेत्र में फिलीपाईन्स के साथ सहयोग करने का भी जापान ने घोषित किया था| इसके अलावा, आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा ‘साऊथ चायना सी’ मामले में सुनाये हुए फ़ैसले को ठुकराने वाले चीन की कड़ी आलोचना की थी|

इस पृष्ठभूमि पर, पिछले कुछ दिनों में चीन ने और आक्रामक रवैय्या अपनाया है, ऐसा दावा किया जाता है| दो दिन पहले चीन ने, ‘ईस्ट और साऊथ चायना सी’ की गश्ती के लिये स्टेल्थ ड्रोन भेजे हुए होने की जानकारी प्रसिद्ध हो गई थी| इसके अलावा पिछले महिने भर में, चीन के बॉम्बर्स विमानों ने ‘साऊथ चायना सी’ में दो बार हवाई गश्ती की है|

इसी दौरान, जापान का प्रशासन रहनेवाले सेंकाकू द्वीपसमूह पर चीन अपना हक़ जता रहा है| इस सेंकाकू द्वीपसमूह के साथ पूरे ‘ईस्ट चायना सी’ पर अपना अधिकार है, ऐसा दावा चीन कर रहा है| दो हफ़्ते पहले चीन ने, सेंकाकू द्वीप समूह और जापान की सागरी हद में २०० से ज़्यादा जहाज़ भेजे थे| इसमें ध्वंसक युद्धपोत, गश्तीनौका, साथ ही मछुआरों की नौकाओं समावेश था|

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