‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करने के बावजूद चीन को कठिन स्थिति का सामना करना होगा – वैश्विक स्वास्थ्य संगठन का इशारा

‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’जिनेवा/बीजिंग – ‘जिस देश में बड़ सख्त प्रतिबंध लगाए होते हैं, उस देश को इससे बाहर निकलने के लिए कठिन स्थिति का सामना करना पड़ता है। आनेवाले समय में चीन को भी बड़ी मुश्किल और कठिन स्थिति का सामना करना होगा’, ऐसी चेतावनी वैश्विक स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दी है। चीन ने इस महीने के शुरू में ही ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करने का निर्णय किया था। इसके बाद पिछले दस दिनों में चीन के अधिकांश क्षेत्र में इसका कार्यान्वयन शुरू हुआ हैं और ‘मास टेस्टिंग’ एवं ‘क्वारंटाई’ से संबंधित अधिकांश नियम शिथिल किए गे हैं। नियम शिथिल हो रहे हैं, लेकिन, भीर भी चीन की जनता की नाराज़गी अभी पुरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं और कुछ हिस्सों में प्रदर्शन शुरू होने का वृत्त माध्यमों ने दिया है।

‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का बड़ा सख्त कार्यान्वयन करने की वजह से हुए हादसों की वजह से भड़की चीनी जनता पिछले महीने में सड़कों पर उतरी थी। लगातार एक हप्ते से अधिक समय से चीन के सभी अहम शहरों में प्रदर्शन शुरू होने का वृत्त प्राप्त हुआ हैं। इनमें राजधानी बीजिंग समेत शांघाय, चेंगडू, नानजिंग, झेंगझोऊ और ग्वांगझोऊ जैसें प्रमुख शहरों का समावेश हैं। ऑनलाईन सेन्सॉरशिप और सुरक्षा बलों के ज़रिये शुरू की हुई कार्रवाई भी चीनी जनता को रोक नहीं सकी थी। इस वजह से चीन की हुकूमत में बड़ी बेचैनी हुई थी। चीन के मौजूदा एवं पूर्व अधिकारियों ने भी नए प्रदर्शन अभूतपूर्व घटना है, यह बयान किया था।

‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’चीनी जनता के हुए इस अप्रत्याशित उद्रेक की वजह से कम्युनिस्ट हुकूमत ने ‘ज़ीरो कविड पॉलिसी’ धीरे धीरे हटाने का ऐलान किया था। इस निर्णय का कार्यान्वयन जल्द से जल्द शुरू की गई थी। लेकिन, प्रतिबंध शिथिल होने के बीच मे ही चीन की राजधानी के साथ कुछ शहरों की मरिजों की संख्या फिर से बढ़ती दे जा रही हैं। राजधानी बीजिंग समेत प्रमुख शहरों के अस्पताल एवं क्लिनिक्स में मरीजों की संख्या बढ़ने के दावे किए गए हैं। बीजिंग के अस्पतालों में कोरोना के कुल ५० से भी अधिक लोग गंभीर बिमारी का इलाज ले रहे हैं। शांघाय के साथ कुछ शहरों में बुखार एवं कोरोना की दवाईयों की मांग काफी प्रचंड़ बढ़ी हैं।

चीन घोषित कर रहें संक्रमितों के आंकड़े कम हैं, फिर भी ‘मास टेस्टिंग’ बंद होने की घटना पर भी ध्यान आकर्षित किया गया है। अगले महीने चीन में ‘ल्युनार इयर’ का बड़ा उत्सव होगा। इस वजह से चीन के शहरों समेत अन् क्षेत्र की यातायात की मात्रा बढ़ती है। यह भीड़ कोरोना की नई लहर के लिए न्यौता साबित होगी, यह ड़र चीनी विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे हैं। ‘डब्ल्यूएचओ’ के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी हुयी चेतावनी भी इसकी पुष्टि करती हैं। कुछ दिन पहले चीन खोजकर्ता एवं ब्रिटीश अभ्यासगुट ने इस मुद्दे पर इशारा दिया था।

चीन के ग्वांगशी प्रांत में ‘सेंटर फॉर डिसिज’ के प्रमुख झोऊ जिआतों ने लिखा लेख ‘शांघाय जर्नल’ और प्रिवेन्टिव मेडिसिन’ में लेख जारी हुआ हैं। इस लेख में उन्होंन ने यह इशारा दिया है कि, कोरोना विरोधी प्रतिबंध शिथिल किए तो २०लाख नागरिक मारे जा सकते हैं। साथ ही चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर २३ करोड़ हो जाएगी, यह इशारा भी जिआतोंग ने दिया था। टीकाकरण की धीमी गति और ‘हर्ड इम्युनिटी’ का अभाव ही इसके लिए ज़िम्मेदार साबित होंगे, यह अहसास भी चीनी वैज्ञानिकों ने कराया।

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