अमरिकी शोधकर्ताओं के ज़रिए चीन कर रहा है अत्याधुनिक तकनीक की चोरी – अमरिकी वरिष्ठ अफसर ने लगाया गंभीर आरोप

us-scientists-chinaवॉशिंग्टन – अमरीका के अलग-अलग क्षेत्रों में शोधकार्य कर रहे शोधकर्ता खुफिया तरीके से चीन की सहायता कर रहे हैं। इस वजह से अमरिकी करदाताओं के निधी का इस्तेमाल करके हो रहे अतिप्रगत शोधकार्य की जानकारी चीन को आसानी से उपलब्ध हो रही है। इसके ज़रिये चीन अमरीका की बौद्धिक संपत्ति लूट रहा है, ऐसा सनसनीखेज आरोप अमरीका के वरिष्ठ अफसर ने लगाया है। अमरिकी सिनेट के ‘हेल्थ, एज्युकेशन, लेबर ऐण्ड पेन्शन’ (एचइएलपी-हेल्प) के समक्ष सुनवाई के दौरान ‘नैशनल इन्स्टिट्युट्स ऑफ हेल्थ’ (एनआयएच) के डेप्युटी हायरेक्टर मायकेल लाउर ने यह चौकानेवाली जानकारी रखी।

अप्रैल तक अमरीका में शोधकार्य कर रहे ५०० शोधकर्ताओं पर लाउर ने आशंका व्यक्त की। इनमें से २०० शोधकर्ता अमरिकी सरकार से निधी प्राप्त कर रहीं मान्यताप्राप्त संस्थाओं में सक्रिय हैं। इनकी जाँच की जा रही है और इस जाँच से चौकानेवाली जानकारी सामने आने का दावा लाउर ने किया। इनमें से कुछ शोधकर्ता अमरिकी संस्थाओं में कार्य करने के साथ ही चीनी हुकूमत के लिए वैसी ही लैब्स निर्माण करके चीन के लिए शोधकार्य करने में जुटे होने की बात स्पष्ट हुई है, यह जानकारी लाउर ने ‘हेल्प’ को प्रदान की।

अमरिकी करदाताओं के पैसों पर चल रही अमरिकी लैब्स जैसी ही लैब्स चीन के लिए निर्माण करके यहां पर हुए शोधकार्य का चीन के लिए इस्तेमाल करना विश्‍वासघात है। इनमें से कुछ अमरिकी शोधकर्ताओं के चीन के साथ व्यावसायिक ताल्लुकात हो सकते हैं। साथ ही यह शोधकर्ता अमरिकी संस्थाओं को अपना १०० प्रतिशत समय देने का दावा कर रहे हैं, फिर भी यह लोग अपना ५० प्रतिशत समय ही अमरिकी शोधकार्य के लिए और शेष ५० प्रतिशत समय चीन के लिए इस्तेमाल कर रहे होंगे, ऐसी आशंका लाउर ने जताई है।

us-scientists-chinaइन शोधकर्ताओं की विश्‍वसनीयता खतरे में है और उनके कारण वे जिन स्थापनाओं के लिए काम कर रहे हैं उनकी विश्‍वसनीयता को भी काफी बड़ा झटका लगा है, ऐसा बयान लाउर ने किया है। चीन ने इससे पहले भी अलग-अलग रास्तों से अमरीका और अन्य प्रगत देशों से अतिप्रगत तकनीक प्राप्त करने के लिए ऐसी अवैध कोशिशें करने की बात स्पष्ट हुई थी। अमरीका के ओहिओ स्थित बच्चों के अस्पताल में शोधकार्य कर रहे झोउ यू नामक शोधकर्ता को कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था। अपना शोधकार्य वह अपने पत्नी के माध्यम से चीन को प्रदान कर रहा था, यह भी सामने आया है। झोउ यू और उसकी पत्नी चेन ली इन दोनों को चीन की यंत्रणा पैसे दे रही थी और इन दोनों ने चीन में भी एक कंपनी शुरू की थी।

अमरीका के शत्रु करदाताओं के अरबों डॉलर्स का निवेश करके शोधकार्य की चोरी करते हैं। क्योंकि, उनके लिए यह चोरी करना काफी आसान है, ऐसा इशारा अमरिकी सिनेटर रिचर्ड बर ने अप्रैल में दिया था। इस पृष्ठभूमि पर ‘हेल्प’ के समक्ष सुनवाई के दौरान सामने आयी इस चौंकानेवाली जानकारी की वजह से अमरीका को चीन के विरोध में कार्रवाई करना ज़रूरी हो गया है। इससे पहले भी चीन ने बुद्धिसंपदा के कानून का भंग करने के आरोप अमरीका ने लगाया था। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में व्यापार युद्ध शुरू करने के साथ ही चीन द्वारा हो रही बुद्धिसंपदा की चोरी का मुद्दा भी उठाया था।

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