इस्रायली जहाज पर हमला करनेवालों पर कार्रवाई करने ब्रिटेन की ‘स्पेशल फोर्सेस’ येमन में दाखिल

britain-special-forces-yemen-2तेहरान – ब्रिटिश सेना के ‘स्पेशल फोर्सेस’ के ४० सैनिकों का दल येमन में दाखिल हुआ है। बीते महीने ओमान के समुद्री क्षेत्र में इस्रायल के ईंधन टैंकर पर ड्रोन हमले करनेवालों पर ब्रिटिश स्पेशल फोर्सेस कार्रवाई करेगी, यह दावा किया जा रहा है। इस हमले के पीछे ईरान होने का आरोप इस्रायल, अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ ने किया था। तभी, ईरान ने इन आरोपों से इन्कार किया था। इसी बीच येमन में हुई ब्रिटेन की इस तैनाती पर ईरान ने आलोचना की है। साथ ही पर्शियन खाड़ी हमारे देश के लिए ‘रेड लाईन’ होने का इशारा भी ईरान के विदेश मंत्रालय ने दिया है।

‘स्पेशल एअर सर्विस’ (सास) के तौर पर पहचाने जाने वाले ब्रिटेन के ‘स्पेशल फोर्सेस’ के जवान येमन के पूर्वीय हिस्से में उतरे होने की खबर ब्रिटेन के अखबार ने जारी की है। इन ४० सैनिकों के दल में ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर’ के सैनिकों का भी समावेश होने का दावा किया जा रहा है। इस्रायल के ईंधन टैंकर पर हुए ड्रोन हमले करनेवालों को सबक सिखाने की ज़िम्मेदारी इस दल पर रहेगी। इसके लिए ब्रिटेन के ‘स्पेशल फोर्सेस’ को ‘लोकल हैण्डलर्स’ की भी सहायता प्राप्त होगी, ऐसा ब्रिटीश अखबार का कहना है।

britain-special-forces-yemen-1ओमान के दुक्कम बंदरगाह से १५२ समुद्री मील दूरी पर यात्रा कर रहे इस्रायल के ‘मर्सर स्ट्रीट’ नामक ईंधन टैंकर पर ३० जुलाई के दिन ड्रोन हमले हुए थे। इन ड्रोन हमलों में दो की मौत हुई थी। इनमें ब्रिटीश और रोमानियन नागरिकों का समावेश था। इस हमले के लिए ईरान या ईरान समर्थक गुट ज़िम्मेदार होने के आरोप इस्रायल, अमरीका, ब्रिटेन ने लगाया था। हमारे पास इसके सबूत होने का बयान भी इस्रायल ने किया था। इसी बीच प्राप्त सबूतों के आधार पर रविवार के दिन यूरोपिय महासंघ ने भी इन हमलों के पीछे ईरान होने का आरोप लगाया था।

ब्रिटेन ने ‘मर्सर स्ट्रीट’ पर हुए हमले पर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। इस्रायल ने इस हमले पर उचित प्रत्युत्तर देने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि, बीते कुछ महीनों से पर्शियन खाड़ी में तैनात अपने स्पेशल फोर्सेस को ईरान में घुसाकर इन हमलों के लिए ज़िम्मेदार ‘ड्रोन सेंटर’ को तबाह किया जाएगा, यह इशारा ब्रिटेन ने दिया था। ऐसी स्थिति में अब ब्रिटेन के स्पेशल फोर्सेस की येमन में यह तैनाती ध्यान आकर्षित करती है। साथ ही ब्रिटेन ने सोमवार के दिन संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर बयान करते समय ‘मर्सर स्ट्रीट’ पर हुए हमले का दाखिला देकर, ईरान की वजह से पर्शियन खाड़ी की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण होने का आरोप लगाया था।

इस पर ईरान की भी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। ब्रिटेन ने ईरान पर लगाए आरोप नए नहीं हैं। करीबी दिनों में ब्रिटेन के नेताओं ने ईरान के खिलाफ लगाए गैरज़िम्मेदाराना आरोपों की शृंखला का यह अगला हिस्सा है’, ऐसी आलोचना ईरान के विदेश मंत्रालय ने की। साथ ही ‘पर्शियन खाड़ी की सुरक्षा ईरान के लिए रेड लाईन है और ब्रिटेन जैसे देशों से इस समुद्री मार्ग की सुरक्षा करने के लिए ईरान पूरी तरह से तैयार है’, यह इशारा भी ईरान के विदेश मंत्रालय ने दिया है।

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